धूप निकलने से अब फसलें गलने का डर, बढ़े सब्जियों के दाम
लगातार चार दिन हुई बरसात के बाद अब फसलें गलने का डर किसानों को सताने लगा है। हालांकि राहत की बात यह है कि अभी पिछले दो दिनों से तेज धूप नहीं निकली। मौसम विभाग की बातों पर यकीन करें तो आने वाली 15 तारीख तक मौसम साफ रहेगा लेकिन इस दौरान दोपहर के समय धूप निकलने की भी संभावनाएं बनी हुई हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला : लगातार चार दिन हुई बरसात के बाद अब फसलें गलने का डर किसानों को सताने लगा है। हालांकि राहत की बात यह है कि अभी पिछले दो दिनों से तेज धूप नहीं निकली। मौसम विभाग की बातों पर यकीन करें तो आने वाली 15 तारीख तक मौसम साफ रहेगा लेकिन इस दौरान दोपहर के समय धूप निकलने की भी संभावनाएं बनी हुई हैं। चंडीगढ़ मौसम विभाग के अनुसार वीरवार और शुक्रवार को धुंध रहेगी लेकिन इसके बाद अच्छी धूप निकलेगी। मौसम विभाग की बातों पर यकीन करें तो 16 के बाद फिर से बरसात की संभावनाएं बन रही हैं।
दरअसल लगातार हुई बरसात के चलते फसलों से पानी नहीं सूख रहा। इसी कारण अब तेज धूप निकली तो फसलें गल जाएंगी। बरसात के चलते टमाटर, मटर और गाजर के साथ बैंगन के दामों में भी इजाफा हो गया है। साथ ही 5 रुपये से 10 रुपये तक प्याज के दामों में भी इजाफा हो गया है। 10 रुपये प्रति किलो तक बिकने वाला आलू इस समय 15 रुपये प्रति किलो बिकने लगा है। यही हाल गाजर के हैं और अच्छी गाजर भी 25 से 30 रुपये प्रति किलो बिक रही है। प्याज पहले जहां 30 रुपये प्रति किलो मिल रहा था वह बढ़कर 40 रुपये पहुंच गया है। मूली के दामों में भी दोगुना उछाल देखने को मिल रहा है। इसी तरह अच्छा हरा मटर 30 रुपये से बढ़कर 35 से 40 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है। इसी तरह टमाटर भी 30 रुपये से बढ़कर 40 रुपये प्रति किलो पहुंच चुका है। क्या कहते हैं विशेषज्ञ
कृषि विशेषज्ञ डा. सीबी सिंह ने बताया कि इस बरसात से गेहूं और गन्ने की फसल को बहुत फायदा होगा। इसी तरह चुकंदर, मूली, शलगम, मेथी और पालक व गाजर की फसल के लिए भी यह बरसात खाद का काम करेगी। लेकिन आलू के अलावा मटर व टमाटर को सीधे तौर पर नुकसान होगा। इसी तरह हरी मिर्च, बैंगन और घीया के फूल झड़ने ने इनकी फसल पर सीधे तौर पर असर पड़ने और उत्पादन घटने से मार्केट में इन सब्जियों के दामों में वृद्धि होना तय है। इस तरह अगेती सरसों की फसल को नुकसान लेकिन पछेती को फायदा होगा। पके हुए आलू को उखाड़ने में देरी भी होगी। कैसे करें फसलों का बचाव
कृषि वैज्ञानिक डा सीबी सिंह ने बताया कि ग्रीन हाउस और पाली हाउस में पैदा होने वाली सब्जियों पर बरसात को कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बरसात के चलते जिन किसानों के खेतों में पानी जमा हो गया है वह उसकी नालियां बनाकर निकासी की व्यवस्था करें वरना अलग-अलग बीमारियों की चपेट में फसल आ सकती है। इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर दवा का प्रयोग भी किया जा सकता है। धूप तेज निकली तो फसलें गल भी सकती हैं।