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गोशाला के लिए नहीं मिल रहीं जगह, डं¨पग जोन बड़ा विकल्प, यूटिलिटी कोर्ट में सुनवाई आज

ट्विन सिटी में बेसहारा गोवंश को पकड़कर रखने के लिए नगर निगम के पास कोई जगह नहीं है। न ही किसी गांव से अब जमीन मिल रही। हर तरफ से अधिकारियों को निराशा हाथ लग रही है। लेकिन छावनी में गांधी ग्राउंड स्थित डं¨पग जोन को गोशाला के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि यहां मंडे मार्केट को शिफ्ट करने की प्ला¨नग भी बनाई जा रही है लेकिन देखना यह होगा कि यहां पर सबसे ज्यादा उपयुक्त क्या रहेगा। हालांकि यहां गोशाला बनाने की संभावनाएं बेहद कम हैं क्योंकि यह जगह नेशनल हाइवे के बिल्कुल नजदीक ही पड़ती है लेकिन दूसरी ओर गेट लगाकर इस दुविधा को भी खत्म किया जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 12:51 AM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 12:51 AM (IST)
गोशाला के लिए नहीं मिल रहीं जगह, डं¨पग जोन बड़ा विकल्प, यूटिलिटी कोर्ट में सुनवाई आज
गोशाला के लिए नहीं मिल रहीं जगह, डं¨पग जोन बड़ा विकल्प, यूटिलिटी कोर्ट में सुनवाई आज

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर

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ट्विन सिटी में बेसहारा गोवंश को पकड़कर रखने के लिए नगर निगम के पास कोई जगह नहीं है। न ही किसी गांव से अब जमीन मिल रही। हर तरफ से अधिकारियों को निराशा हाथ लग रही है। लेकिन छावनी में गांधी ग्राउंड स्थित डं¨पग जोन को गोशाला के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि यहां मंडे मार्केट को शिफ्ट करने की प्ला¨नग भी बनाई जा रही है लेकिन देखना यह होगा कि यहां पर सबसे ज्यादा उपयुक्त क्या रहेगा। हालांकि यहां गोशाला बनाने की संभावनाएं बेहद कम हैं क्योंकि यह जगह नेशनल हाइवे के बिल्कुल नजदीक ही पड़ती है लेकिन दूसरी ओर गेट लगाकर इस दुविधा को भी खत्म किया जा सकता है।

दरअसल छावनी स्थित डं¨पग जोन को लाखों रुपये की लागत से तैयार किया गया लेकिन यहां से कूड़ा नहीं उठ पाता। इसी कारण नेशनल हाइवे से निकलना भी लोगों को दुश्वार हो रहा है। इसी कारण स्वास्थ्य मंत्री की पहल पर इसे बंद करने की योजना निगम बना रहा है। ऐसे में लाखों रुपये की लागत से डाले गए शेड और लगाई गई टाइलें बेकार जाएंगी। इसीलिए यहां क्या किया जा सकता है यह विकल्प तलाशा जा रहा है।

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रोजाना 50 से ज्यादा गोवंश हर समय रहती यहां मौजूद

इस डं¨पग जोन में पड़े कूड़े में रोजाना 50 से ज्यादा गोवंश को देखा जा सकता है। ऐसे भी नहीं है कि यहां केवल बेसहारा गोवंश ही घूमता हो। इसके साथ-साथ दुधारू गाय भी यहां घूमती देखी जा सकती हैं। लेकिन इन दुधारू गायों को पकड़ने की हिम्मत भी निगम ठेकेदार नहीं कर रहा। इन्हें पकड़कर गोशाला में छोड़ा जा सकता है। दुधारू गाय को लेने से कोई भी गोशाला इंकार नहीं कर रही। यदि इनके मालिक भी छुड़ाने आएंगे तो 5100 रुपये जुर्माना देना होगा। लेकिन इस ओर भी निगम कर्मी ध्यान नहीं दे रहे।

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कोर्ट में आज सुनवाई

जिला बार एसोसिएशन के कई सदस्यों ने इस मामले में यूटिलिटी कोर्ट में केस डाला है। 24 अगस्त को हुई सुनवाई के दौरान निगम अफसरों को कोर्ट ने 20 तक प्रगति रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए थे लेकिन तब से लेकर आज तक महज 30 गोवंश को ही निगम पकड़ पाया है। जबकि सूअर, घोड़े-खच्चर व गधे को पकड़ने के लिए कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में अफसरों को फटकार लगनी तय है।

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सूअर पकड़ने के जल्द ही टेंडर ओपन किए जाएंगे। गोवंश को पकड़ने के लिए भी गोशाला बनाने के लिए जगह तलाश रहे हैं।

जयबीर ¨सह आर्य, आयुक्त नगर निगम।


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