जमीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाएंगे नैनो उर्वरक, जिले के 35 किसानों के खेतों में होगा प्रदर्शन
रासायनिक खाद से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए जिला के 35 किसानों के खेतों में नैनो उर्वरकों का फील्ड ट्रायल होगा। इससे जहां फसलों की पैदावार में बढ़ोतरी होगी वहीं कई अन्य फायदे भी होंगे। इसके लिए उर्वरक क्षेत्र की दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी संस्था ने रविवार को अपनी गुजरात स्थित कलोल इकाई पर आयोजित एक समारोह से नैनो उर्वरकों के फील्ड ट्रायल की घोषणा केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कि उपस्थिति में की।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : रासायनिक खाद से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए जिला के 35 किसानों के खेतों में नैनो उर्वरकों का फील्ड ट्रायल होगा। इससे जहां फसलों की पैदावार में बढ़ोतरी होगी, वहीं कई अन्य फायदे भी होंगे। इसके लिए उर्वरक क्षेत्र की दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी संस्था ने रविवार को अपनी गुजरात स्थित कलोल इकाई पर आयोजित एक समारोह से नैनो उर्वरकों के फील्ड ट्रायल की घोषणा केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कि उपस्थिति में की। जिला अंबाला में इफ्को द्वारा गांव रजपुरा में कार्यक्रम का आयोजन कर इन उत्पादों के बारे जानकारी दी गई।
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यह है नैनो उर्वरक
इफ्को के प्रबंध निदेशक डा. उदय शंकर अवस्थी ने बताया कि ये नैनो उत्पाद पर्यावरण हितैषी हैं। परंपरागत रासायनिक उर्वरकों की तुलना में इनके उपयोग से फसलों की पैदावार में 15.30 प्रतिशत की वृद्धि पाई गई है। इनसे मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होगा। नैनो नाईट्रोजन जिसे यूरिया के विकल्प के रूप में विकसित किया गया है। इसके सही तरीके से प्रयोग करने पर यूरिया की खपत को 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। दूसरा उत्पाद इफ्को नैनो जिक है जिसे मौजूदा जिक उर्वरक के विकल्प के रूप में विकसित किया है। इसकी 10 ग्राम मात्रा एक हेक्टेयर के लिये पर्याप्त है। तीसरा उत्पाद नैनो कॉपर पौधे को पोषण व सुरक्षा प्रदान करता है। पूरे भारत वर्ष में प्रगतिशील किसानों के खेतों पर इन उत्पादों का परिक्षण किया जाएगा।
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मिट्टी व पर्यावरण को होगा फायदा
सदानंद ने कहा कि इन तीन उत्पादों से मिट्टी किसान व पर्यावरण को फायदा मिलेगा व परंपरागत उर्वरकों की खपत में 50 प्रतिशत की कमी आयेगी। इससे किसानों की निवेश लागत भी कम होगी। किसानों को उर्वरक सुचारू रूप से उपलब्ध करवाने के लिये भारत सरकार द्वारा उर्वरक क्षेत्र में डीबीटी प्रणाली, नीम लेपित यूरिया व बिक्री हेतू पोस मशीन की शुरूआत की गई है ताकि हरेक किसान को आसानी से उर्वरक उपलब्ध हो सके। उन्होने कहा कि यद्यपि ये नैनो उत्पादों का ट्रायल है लेकिन मेरा विशवास है कि ये उत्पाद असरदार सिद्ध होंगे।
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35 किसानों के खेत चयनित
पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार ने गांव, गरीब ओर किसान को केंद्र बिदु में रखकर ही विकास योजनाओं को तैयार किया है। भारत की प्राथमिकता उत्पादन की बजाय अब किसान केंद्रित हो गई है। निवेश लागत में कमी करके 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। इसी कडी में जिला अंबाला में 35 किसानों के खेतों पर नैनो उर्वरकों का प्रदर्शन किया जायेगा। जिला अंबाला में इफ्को द्वारा गांव रजपुरा में कार्यक्रम का आयोजन कर इन उत्पादों के बारे जानकारी दी गई।