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नगर निगम के पार्षदों ने शहर में गंदगी का उठाया मुद्दा

जागरण संवाददाता अंबाला शहर शहर में गंदगी को लेकर नगर निगम सदन की बैठक शहर में गंदगी को लेकर नगर निगम सदन की बैठक में पार्षदों ने गंदगी का मुद्दा उठाया था कि नगर निगम सीमा में सफाई व्यवस्था चौपट हो चुकी है। कालोनी और बाजारों से नियमित कचरा नहीं उठाने से गंदगी फैली रहती है।में पार्षदों

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 07:30 AM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 07:30 AM (IST)
नगर निगम के पार्षदों ने शहर में गंदगी का उठाया मुद्दा
नगर निगम के पार्षदों ने शहर में गंदगी का उठाया मुद्दा

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : शहर में गंदगी को लेकर नगर निगम सदन की बैठक में पार्षदों ने गंदगी का मुद्दा उठाया था कि नगर निगम सीमा में सफाई व्यवस्था चौपट हो चुकी है। कालोनी और बाजारों से नियमित कचरा नहीं उठाने से गंदगी फैली रहती है। यहां तक नालियों की नियमित सफाई नहीं होने से सड़कों पर गंदा पानी भरा रहता है। वहीं अंबाला के डेढ़ लाख की आबादी का फीडबैक शहरी विकास मंत्रालय में पहुंच गया है। अब मंत्रालय से नगर निगम अंबाला की रैंकिग तय होगी। मंत्रालय की रिपोर्ट से ही पता लगेगा कि निगम कौन से पायदान पर पहुंचा है।

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नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए डेढ़ लाख लोगों के फीडबैक लेने का काम पूरा किया है। नगर निगम लोगों के मोबाइल वाट्सअप पर लिक के माध्यम से फीडबैक ले रहा है। मार्च में स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए टीम दौरा करेगी। इससे पहले ही निगम ने घरों से गीला व सूखा कचरा अलग-अलग उठाने का काम भी शुरू कर दिया है। वहीं लोगों को कचरे से खाद बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। हालांकि बीते चार सालों से स्वच्छता रैकिग में सुधार तो हुआ, लेकिन निगम इस में अभी और सुधार चाहता है। हालांकि शहर में निगम ने घरों से कचरा उठाने का काम शुरू कर दिया है। इसमें कंपनी के वाहन घरों से गीला व सूखा कचरा अलग-अलग उठाते हैं।

कंपनी के वाहनों से कचरे को डंपिग ग्राउंड पर डंप किया जाता है। यहां से कचरे को वाहनों से पटवी प्लांट पर लेकर जाते हैं। यहां पर कचरा प्रबंधन का काम किया जाता है। कंपनी ने डोर-टू-डोर कचरा उठाने के लिए गलियों में आटो और रेहडियां लगाई है। लेकिन शहर में ड्रैनेज सिस्टम फेल, क्षतिग्रस्त सड़कें, बंद सीवर लाइन, आवासीय कालोनी डेयरियों का संचालन समेत अन्य बिदुओं पर निगम की तैयारी अधूरी है। नगर निगम की माने तो स्वच्छता सर्वेक्षण में फीडबैक के लिए 600 अंक रखे गए हैं।

--------------- इस तरह से मिली है अंबाला को रैंकिग

स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में नगर निगम को 126 रैंक मिली थी, जबकि हरियाणा में अंबाला को आठवीं रैंक मिली थी। नगर निगम की खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) और ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से फेल है। इसलिए स्वच्छता सर्वेक्षण में हर बार अच्छा पायदान पाने में रोड़ा बना है। वर्ष 2018 में अंबाला का ओवरआल रैंक 159 था, जबकि वर्ष 2017 में यह रैंक 308 थी।

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ये अभी चुनौतियां बनी हैं - शहर में ड्रेनेज सिस्टम सही नहीं है

- मुख्य सीवर लाइनों की सफाई का काम अधूरा

- मुख्य चौराहों पर सोडियम लाइटें बंद

- मुख्य बाजारों में शौचालय की सुविधा नहीं ------------ इन पर काम किया - शहर में घरों से कचरा उठाने का काम शुरू

- पटवी प्लांट पर कचरा प्रबंधन शुरू किया

- शहर में पुराने शौचालयों की मरम्मत कराई

- बायोवेस्ट के लिए पीले कूडेदान लगाए

-मुख्य बाजारों में शौचालय का अभाव

-बाजार में खुलेआम पॉलिथीन का प्रयोग

----------------- फीडबैक में पूछे जा रहे सवाल - क्या आप जानते है कि आपका शहर स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में भाग ले रहा है

- क्या आप स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में अपने शहर की रैंक जानते हैं

- जीरो से दस के पैमाने पर अपने शहर को कितने अंक देना चाहिए

- सार्वजनिक क्षेत्रों के स्वच्छता स्तर पर कितने अंक देना चाहेंगे

- क्या आपसे हमेशा अपने कचरा संग्राहक को सूखा और गीला कचरा अलग देने के लिए कहा जाता है

- आप अपने शहर के सार्वजनिक या सामुदायिक शौचालय या मूत्रालय के स्वच्छता स्तर पर

- शून्य से दस के पैमाने पर अपने शहर को कितने अंक देना चाहेंगे

- क्या आप जानते हैं कि आप गूगल पर निकटतम सार्वजनिक शौचालय खोज सकते हैं

- क्या आप जानते है कि आप स्वच्छता के बारे में अपनी शिकायतों को उठाने के लिए स्वच्छता एप या स्थानीय एप का उपयोग कर सकते हैं

------------ वर्जन

नगर निगम ने शहर में स्वच्छता को लेकर डेढ़ लाख लोगों के फीडबैक लिए हैं। अब भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के पास फीडबैक पहुंच गए हैं।

पार्थ गुप्ता, आयुक्त, नगर निगम


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