बेसहारा पशु का एक ही ठेकेदार के टेंडर, अब पशुओं को पकड़ने का काम फिर बंद
शहर में बेसहारा पशुओं को पकड़ने का सिटी व कैंट का टेंडर एक ही ठेकेदार को किया है।
जागरण संवाददता, अंबाला शहर: शहर में बेसहारा पशुओं को पकड़ने का सिटी व कैंट का टेंडर एक ही ठेकेदार को किया है। इसके बावजूद भी ठेकेदार का पशुओं को पकड़ने का काम बंद है। हाल ही में ठेकेदार ने तीन दिन के अभियान में 94 बेसहारा पशुओं को पकड़कर सुल्लर गोशाला भेज दिया। यहां पर पशुओं की देखभाल के लिए कर्मियों की कमी है। इस वजह से बेसहारा पशुओं को लेने से मना कर दिया। मालूम हो कि नगर निगम ने बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए टेंडर निकाला था। इसमें तीन फर्म सामने आई थी, लेकिन शर्तों पूरा नहीं करने की वजह से टेंडर फाइनल नहीं किया। मजबूरी में निगम ने पुरानी फर्म को दो महीने के लिए टेंडर को बढ़ा दिया। हाल ही में फर्म के कर्मियों ने बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया था। इसमें तीन दिन में टीम ने रात व दिन में पशुओं को पकड़ने के लिए अभियान चलाया था। इस दौरान मुख्य सड़कों, माडल टाउन, पुलिस लाइन, डीसी आवास आदि से 94 पशुओं को पकड़ने का काम किया। इसके बाद पशुओं को सुल्लर गोशाला में भेज दिया। अब सुल्लर गोशाला समिति ने पशुओं को लेने से मना कर दिया। इसके बाद से ठेकेदार ने पशुओं को पकड़ने का काम बंद कर दिया है। इस संबंध में ठेकेदार सतेन्द्र ने बताया कि गोशाला संचालकों ने पशुओं को लेने से मना कर दिया है। इसलिए बेसहारा पशुओं को कपड़ने का काम बंद कर दिया है। गोशाला संचालकों ने पशुओं को लेने से मना किया
ठेकेदार ने 94 बेसहारा पशुओं को पकड़कर सुल्लर गोशाला दिया है। यहां पर पशुओं की संख्या 360 तक पहुंच गई है। अब गोशाला समिति ने पशुओं को लेने से मना कर दिया। वहीं स्पाटू रोड की गोशाला में 670 पशुओं को रखा है, जबकि क्षमता 550 पशुओं की है। इसलिए स्पाटू रोड की गोशाला समिति ने पशुओं को लेने से मना कर दिया। इस संबंध में सुल्लर गोशाला संचालक हरकेश ने बताया कि गोशाला में 94 पशुओं को लिया है। वहीं पशुओं की देखभाल के लिए कर्मियों की कमी है। इसलिए अब पशुओं को लेने से मना कर दिया है। दूसरी बार पशु के पकड़े जाने पर 11 हजार रुपये जुर्माना
नगर निगम की टीम पशुओं को गोशाला लेकर पहुंचती है। यहां पर पशुओं की टेगिग की जाती है।इसमें बेसहारा पशु के मालिक के आने पर 5100 रुपये का जुर्माना वसूला जाता है। इसके बावजूद दूसरी बार पशु के पकड़े जाने पर निगम 11 हजार रुपये जुर्माना वसूला जाता है।