मोदी को काले झंडे दिखाने की थी योजना, आरएसएस आशा वर्कर के घर डटी रही पुलिस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले और रैली को कुरुक्षेत्र में प्रदेशभर की आशा वर्करों ने काले झंडे दिखाने की योजना बनाई हुई थी जिस पर पानी फिर गया।
हरीश कोचर, अंबाला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले और रैली को कुरुक्षेत्र में प्रदेशभर की आशा वर्करों ने काले झंडे दिखाने की योजना बनाई हुई थी जिस पर पानी फिर गया। अंबाला छावनी के शाहपुर गांव से भी दो-तीन आशा वर्करों ने अन्य जिलों की साथी सदस्यों के साथ कुरुक्षेत्र पहुंचना था लेकिन मंगलवार तड़के पांच बजे पुलिस शाहपुर गांव में पहुंच गई। खुद को आरएसएस की कार्यकर्ता बताने वाली आशा वर्कर के घर पर शाम तक पुलिस डटी रही और उसे गांव की सीमा से बाहर नहीं निकलने दिया। आशा वर्कर सुनीता धीमान ने अपने घर में रखी आरएसएस की कुछ फोटो भी पुलिस को दिखाई लेकिन जवानों ने उसकी एक न सुनी। यहां तक कि दिन में वह मोहल्ले में एक जानकार के घर और मंदिर में गई तो महिला पुलिस कर्मी उसके साथ-साथ गई।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुरुक्षेत्र में स्वच्छ शक्ति-2019 कार्यक्रम में पहुंचे थे। लेकिन प्रदेश की कुछ आशा वर्करों ने अंदरखाते चुपचाप तरीके से मोदी की रैली को काले झंडे दिखाने की योजना बनाई। इस योजना का बहुत अधिक आशा वर्करों को नहीं पता था। पूरे प्रदेश से करीब 30 से 35 आशा वर्करों ने ही कुरुक्षेत्र जाने की प्ला¨नग की क्योंकि एक भी जिले से किसी भी यूनियन के सदस्यों को इस रैली में जाने की परमिशन नहीं थी। इसी कारण यह योजना गुप्त रखी गई। लेकिन इस बात का पता कुरुक्षेत्र जिला पुलिस की खुफिया ¨वग को लग गया। इसी कारण सभी जिलों में आशा वर्करों पर खुफिया तंत्र पिछले 24 घंटों से निगरानी रखे हुए था।
आशा वर्कर के साथ मंदिर गई पुलिस
इधर, अंबाला छावनी और शाहबाद के बीच स्थित शाहपुर गांव की सुनीता धीमान ने अपने दो अन्य साथियों के साथ रैली में काले झंडे लेकर पहुंचना था। लेकिन तड़के पांच बजे पुलिस व खुफिया तंत्र से जुड़े लोग यहां पहुंच गए। पुलिस ने महिला से इस बारे में पूछताछ की तो वह ना-नुक्कड़ करने लग गई। महिला खुद को आरएसएस संघ की कार्यकर्ता बताने लगी और संघ की फोटो पुलिस को दिखाने लग गई। लेकिन पुलिस उसकी बातों में नहीं आई और उसे गांव की सीमा से बाहर जाने से मना कर दिया। हालांकि इस दौरान वह मोहल्ले में किसी जानकार के घर और गांव के ही मंदिर में माथा टेकने गई तो दो महिला पुलिस कर्मी उसके साथ-साथ गई। बाद में महिला ने खुद टीवी पर बैठकर पीएम मोदी का कार्यक्रम देखा और पुलिस कर्मी वहां भी मौजूद रहे। जब पीएम का कार्यक्रम हुआ तो पुलिस गांव से गई।