गड़बड़झाला : किस्त पूरी और फाइनेंस कंपनी काटती रही राशि
नेशनल ओपन स्कूल की स्टेट कोर्डिनेटर ने फाइनेंस कंपनी की किस्त पूरी होने पर राहत की सांस ली थी। लेकिन कंपनी अपनी कैंची चलाती रही। कंपनी ने उनके खाता से पहले साढ़े 23 हजार काट लिये थे जिन्हें शिकायत पर लौटा दिया। लेकिन कंपनी ने दोबारा फिर खाता से 16 हजार रुपये काट लिये हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : नेशनल ओपन स्कूल की स्टेट कोर्डिनेटर ने फाइनेंस कंपनी की किस्त पूरी होने पर राहत की सांस ली थी। लेकिन कंपनी अपनी कैंची चलाती रही। कंपनी ने उनके खाता से पहले साढ़े 23 हजार काट लिये थे, जिन्हें शिकायत पर लौटा दिया। लेकिन कंपनी ने दोबारा फिर खाता से 16 हजार रुपये काट लिये हैं। इस गड़बड़झाले से पीड़िता परेशान हो गई है। ऐसे में पीड़िता ने उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाने की ठान ली है।
नेशनल ओपन स्कूल की स्टेट कोर्डिनेटर मीनाक्षी शर्मा ने बताया कि उन्होंने 2015 में जगाधरी गेट से एक एसी लिया था। एसी को बजाज से फाइनेंस करवाया गया था। 2016 में एसी की किस्त पूरी अदा कर दी गई थी। जो करीबन 28 हजार थी। इसके बाद भी उनके खाता से राशि काटना जारी रखा। जब उनके खाता में राशि कम हुई तो उनके पास बैंक की ओर से मैसेज आने लगे। इसके बाद फाइनेंस कंपनी के कई चक्कर काटने पड़े। बड़ी मुश्किल से फाइनेंस कंपनी ने खाता से निकाली हुई राशि लौटायी। लेकिन इसके बाद फिर से राशि काटना जारी रखा।
17 किस्त में काट लिये साढ़े 23 हजार
पीड़िता ने बताया कि फाइनेंस कंपनी ने उनके खाते से 17 किस्त में राशि काटी। जिसमें करीबन साढ़े 23 हजार रुपये काट लिये। सबसे पहले 2 जनवरी 2019 को 1766 रुपये काटे थे। जब उन्होंने आपत्ति की तो पहले फाइनेंस कंपनी ने बिल्कुल इंकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने अपना कॉपी आदि दस्तावेज दिखाये। इसके बाद फाइनेंस कंपनी ने 14 जून को उनके 22 हजार रुपये वापस किये। दोबारा फिर काटे 16 हजार
पीड़िता ने बताया कि फाइनेंस कंपनी को पूरे मामले से वाकिफ करवा दिया गया था। इसके बाद फिर से कंपनी ने उनके खाते से किस्त काटना शुरू कर दिया। 20 जून को 1624 रुपये काट लिये गए। दोबारा फिर से 14 किस्त काटी गई। 24 सितंबर तक यही सिलसिला जारी रहा। उनके पास फिर बैंक से राशि कम होने का मैसेज आया तो उन्हें पता चला। अधिकारी नहीं करते सुनवायी
शिकायतकर्ता ने बताया कि जब उनके खाते से राशि कटती रही तो उन्होंने फाइनेंस कंपनी में संपर्क किया, लेकिन वहां पर कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद मामले में आनलाइन शिकायत की गई। इस पर कंपनी के कर्मी काल आया और उनकी बात सुनी और राशि वापस हुई। दोबारा राशि कटने पर फाइनेंस कंपनी से संपर्क किया गया तो कंपनी के किसी कर्मचारी ने उनकी नहीं सुनी।
वर्जन
मामले में शिकायतकर्ता को एक बार ब्रांच में भेज दें, उनके केस में जो समस्या होगी उसे देखा जाएगा। फिर सुलझाया जाएगा।
कमल कांत, बजाज फाइनेंस कंपनी, अंबाला शहर