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संकट में मर्सी होम, अंधकार में 30 मासूमों का भविष्य

2016 में मर्सी होम को करवा दिया था तत्कालीन डीसी ने बंद, 2013 में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने भी पाई थी कई खामियां

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 02:27 AM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 02:27 AM (IST)
संकट में मर्सी होम, अंधकार में 30 मासूमों का भविष्य
संकट में मर्सी होम, अंधकार में 30 मासूमों का भविष्य

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: बिना रजिस्ट्रेशन के जिले में चल रहे मर्सी होम पर अब संकट के बादल मंडरा गए हैं। मर्सी होम द्वारा किए गए रजिस्ट्रेशन के आवेदन को गठित जांच कमेटी ने रद्द कर दिया है। क्योंकि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत मर्सी होम निर्धारित मानकों पर खरा नहीं उतरता। रजिस्ट्रेशन फाइल रद्द होने के कारण मर्सी होम को बंद करना पड़ेगा। साथ ही मर्सी होम में रहने वाले मासूमों को संचालक को उनके घर ही भेजना पड़ेगा या फिर इन मासूमों को पहले की तरह किसी शेल्टर होम में भेजा जाएगा। हालांकि अभी प्रशासनिक अधिकारियों ने यह तय नहीं किया है कि यहां रहने वाले बच्चों को कहां भेजा जाएगा। बता दें कि करीब 30 बच्चों को यहां रखा जा रहा है। जेजे एक्ट नहीं देता इजाजत

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दरअसल, जस्टिस जुवेनाइल एक्ट (जेजे एक्ट) के अनुसार एक ही परिसर में लड़के और लड़कियों को नहीं रखा जा सकता जबकि मर्सी होम में एक ही परिसर में लड़के और लड़कियों को रखा जा रहा है।

दूसरा एक्ट के अनुसार होम में रखे जाने वाले बच्चों की शैक्षणिक जरूरतों को संचालक हर हाल में पूरा करेगा लेकिन जांच कमेटी ने पाया कि यह भी सही तरीके से नहीं हो पा रहा।

इसी तरह 18 साल या इससे ज्यादा उम्र के बच्चों को होम में रखा नहीं जा सकता लेकिन मर्सी होम में 18 साल से ज्यादा उम्र के लड़के और लड़कियां भी जांच कमेटी को होम में मिली। इसके अलावा कई अन्य मानकों पर मर्सी होम खरा नहीं उतरा। बिना रजिस्ट्रेशन के चलता रहा मर्सी होम, नींद में रहे अधिकारी

बिना रजिस्ट्रेशन के ही मर्सी होम को पिछले करीब 10 साल से चलाया जा रहा है। रोहतक में हुए अपना घर कांड के बाद भी प्रशासन की कुंभकर्णी नींद नहीं टूटी और मर्सी होम को लेकर प्रशासन ने कोई कार्रवाई करना लाजमी नहीं समझा। इतना ही नहीं मर्सी होम की रजिस्ट्रेशन फाइल भी पिछले एक साल से अधिकारियों के पास पड़ी रही किसी ने तब भी यह नहीं सोचा कि बिना रजिस्ट्रेशन के वहां बच्चों को कैसे रखा जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में डीसी का हलफनामा भी सवालों के घेरे में

दिसंबर 2017 तक सभी राज्य सरकारों से सुप्रीम कोर्ट ने शपथ पत्र मांगे गए थे कि उनके राज्य में कोई गैर पंजीकृत होम तो नहीं चल रहे। इस पर डीसी अंबाला ने लिखित हलफनामा दिया है कि जिले में कोई भी गैर पंजीकृत चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट नहीं चल रहा, जबकि मर्सी होम के अलावा मदरसा भी चल रहा था। इसी मदरसे में यौन शोषण का मामला भी हाल ही में उजागर हुआ था। ऐसे में, डीसी का सुप्रीम कोर्ट में दिया हलफनामा भी सवालों के घेरे में आ गया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में रिट पीटिशन नंबर 101 में सभी मुख्य सचिवों ने शपथ पत्र दिए थे। डीसी करेंगी कार्रवाई

एडीसी शक्ति सिंह कहते हैं कि डीसी के आदेशों पर जांच कमेटी का गठन किया गया था। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। जेजे एक्ट के अनुसार मर्सी होम मानकों को पूरा नहीं कर रहा। अब आगामी कार्रवाई डीसी करेंगी।

शक्ति ¨सह, एडीसी अंबाला। संचालक ने बच्चों के साथ दी डीसी कार्यालय में दस्तक

दूसरी ओर, मर्सी होम संचालक फिलिप और उनकी पत्नी मंगलवार को बच्चों के साथ डीसी कार्यालय पहुंचे। डीसी के नहीं मिलने के कारण सीटीएम को संचालक ने ज्ञापन सौंपकर मोहित, ओम, आयुष, सोनी, नेहा, पल्लवी, सुशीला, कोमल, मुस्कान को दोबारा मर्सी होम में भेजने और उन्हें प्रताड़ित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। नहीं हो सकता रजिस्ट्रेशन

जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी बलजीत कौर ने बताया कि डीसी मैडम ने जांच कमेटी गठित की थी। इसी जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी है। इसी के अनुसार मर्सी होम को बंद करवाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसका रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता।


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