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एक हादसे से नहीं मिला सबक, अब दूसरे में बाल-बाल बचा दंपती

जागरण संवाददाता, अंबाला छावनी के दलीपगढ़ में शनिवार सुबह हुए हादसे के बाद भी प्रशासनिक

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 01:44 AM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 01:44 AM (IST)
एक हादसे से नहीं मिला सबक, अब दूसरे में बाल-बाल बचा दंपती
एक हादसे से नहीं मिला सबक, अब दूसरे में बाल-बाल बचा दंपती

जागरण संवाददाता, अंबाला

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छावनी के दलीपगढ़ में शनिवार सुबह हुए हादसे के बाद भी प्रशासनिक अफसरों की नींद नहीं खुली है। किसी अफसर ने अभी तक मौके पर जाकर घटनास्थल का जायजा तक लेना जरूरी नहीं समझा है। वहीं इसी कड़ी में रविवार सुबह एक अन्य मकान की छत का भी कुछ हिस्सा बारिश में ढह गया। उस दौरान कमरे में मकान मालिक दंपती सो रहे थे। गनीमत रही कि वह इस घटना में बाल-बाल बच गए।

गौरतलब है कि शनिवार सुबह दलीपगढ़ में मुकेश कुमार के घर की बारिश में छत ढह गई थी और पूरा परिवार मलबे के नीचे दब गया था। इस हादसे में दो बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी। लेकिन घटना बीते अभी 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि उसके नजदीक ही बे¨ल्डग का काम करने वाले जंगबहादुर के घर रविवार तड़के कच्ची छत का एक हिस्सा ढह गया। उस दौरान वह कमरे में अपनी पत्नी के साथ दूसरी तरफ बैड पर सो रहे थे। मलबा नीचे गिरते ही उनकी आंख खुली और वह पत्नी को लेकर बाहर की तरफ दौड़े। शोर मचाने पर आसपास के लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। इस दौरान उनके घर में अन्य कमरों में भी कच्ची छत होने के कारण पानी टपक रहा था। लेकिन इस तरह की दो घटनाएं होने के बाद भी नगर निगम या किसी प्रशासनिक अधिकारी ने मौके पर जाकर लोगों का हालचाल तक जानना जरूरी नहीं समझा। जंगबहादुर ने बताया कि उन्होंने पक्की छत के लिए निगम में आवेदन किया था लेकिन उन्हें आजतक कोई फंड नहीं है। उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है जिस कारण वह अपने स्तर पर पक्की छत बनवाने में असमर्थ है।


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