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कानूनी सलाहकार : पद राजनीतिक या सरकारी, सूचना न देने पर ईओ को पांच हजार जुर्माना

नगर परिषद हो या नगर निगम कानूनी सलाहकार के पद पर नियुक्ति की बंदरबांट हुई या नहीं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 07:20 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 07:20 AM (IST)
कानूनी सलाहकार : पद राजनीतिक या सरकारी, सूचना न देने पर ईओ को पांच हजार जुर्माना
कानूनी सलाहकार : पद राजनीतिक या सरकारी, सूचना न देने पर ईओ को पांच हजार जुर्माना

जागरण संवाददाता, अंबाला : नगर परिषद हो या नगर निगम कानूनी सलाहकार के पद पर नियुक्ति की बंदरबांट हुई या नहीं। यह पद राजनीतिक है या सरकारी, इस संबंध मे नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मामला सत्ता पक्ष से जुड़ा तो नहीं। विपक्षी नेता ने सूचना अधिकार के हथियार का इस्तेमाल किया। अधिकारियों ने सूचना देनी जरूरी नहीं समझी। सूचना एक्ट का उल्लंघन तो हुआ ही, साथ ही यह पद राजनीतिक है या सरकारी इस बात से भी पर्दा नहीं उठ पड़ा। इसी पर राज्य सूचना आयोग ने छावनी नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी विनोद नेहरा पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया है। आरटीआइ के तहत मांगी जानकारी 20 फरवरी तक देने के भी निर्देश दिए गए हैं। यह सूचना इनेलो के पूर्व जिला शहरी प्रधान ओंकार सिंह ने मांगी थी।

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यह है मामला

ओंकार सिंह ने नगर परिषद से सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। इसमें मांगा गया था कि कानूनी सलाहकार की नियुक्ति किस प्रावधान के तहत की जाती है अथवा किसके आदेश से होती है। नगर परिषद में कानूनी सलाहकार की नियुक्ति कितने समय के लिए होती है, किस प्रक्रिया के तहत की गई है, कानूनी सलाहकार का पद राजनीतिक है या सरकारी, वर्तमान में इस पद पर कौन हैं और इससे पूर्व कौन था। कानूनी सलाहकार पद पर तैनात व्यक्ति की तनख्वाह कितनी है, इस पद के लिए कितने व्यक्तियों ने आवेदन किया था इन सभी के नाम-पते क्या हैं।

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नगर परिषद ने सूचना गुप्त सूचना के दायरे में इसे बताया

आरटीआइ के तहत मांगी गई सूचना पर नगर परिषद का अजीब सा जवाब मिला है। मांगा गया था कि उक्त नियुक्ति किस अधिकारी के आदेश से की गई थी, उस आदेश की सत्यापित प्रति दी जाए, लेकिन सूचना देने से इस कारण से मना कर दिया गया कि सूचना गुप्त सूचना के दायरे में आती है।

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एक साल में भी नहीं मिली सूचना

ओंकार सिंह ने उक्त सारी जानकारी 20 फरवरी 2019 को मांगी थी। नियम अनुसार 30 दिनों के भीतर यह जानकारी दी जानी चाहिए थी, लेकिन नगर परिषद ने जवाब देने में आनाकानी की। इसके बाद राज्य सूचना आयोग में मामला गया। इस पर सूचना आयुक्त ने 20 नवंबर, 2019 को पूर्ण सूचना देने और सूचना में देरी के कारणों के बारे में नगर परिषद के ईओ को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर लिखित में कारण बताओ नोटिस का जवाब देने को कहा था।

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20 फरवरी तक जानकारी देने का निर्देश

राज्य सूचना आयोग ने सूचना न देने पर कड़ा रुख अपनाते हुए ईओ विनोद नेहरा पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही कहा कि क्यों न रोजाना ढाई सौ रुपये (अधिकतम 25 हजार रुपये) लगाया जाए। साथ ही आयोग ने आदेश जारी किया है कि मामले में अंतिम तारीख 12 मई, 2020 निश्चित की। साथ ही 20 फरवरी, 2020 तक जानकारी देने के निर्देश भी दिए हैं।

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फोटो नंबर :: 26

नगर परिषद जानबूझकर कानूनी सलाहकार पद को लेकर जानकारी नहीं दे रहा है। इस में राजनीतिक दखलंदाजी साफ दिख रही है। इसी कारण से सूचना देने में देरी की जा रही है। इसी के चलते ईओ नगर परिषद पर जुर्माना लगाया है।

- ओंकार सिंह, पूर्व जिला प्रधान शहरी, इनेलो।


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