टीबी के मरीज मिलने पर निजी अस्पताल वाले स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें
निजी चिकित्सकों के पास इलाज के लिए आए मरीज में अगर टीबी की पुष्टि होती है तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें। ऐसा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मरीज की सुविधा के हिसाब से दवा शुरू की जाएगी।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: निजी चिकित्सकों के पास इलाज के लिए आए मरीज में अगर टीबी की पुष्टि होती है तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें। ऐसा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मरीज की सुविधा के हिसाब से दवा शुरू की जाएगी। यदि मरीज को सरकारी दवा नहीं लेनी है तो दुकान से भी खरीद सकते हैं, लेकिन सरकारी दवा टीबी के इलाज में सबसे बेहतर है। उक्त बातें किगफिशर रेस्टोरेंट में आयोजित टीबी हारेगा देश जीतेगा पर आयोजित वर्कशाप में सीएमओ डाक्टर कुलदीप सिंह ने कहीं।
सीएमओ ने कहा कि गांव से लेकर शहर में संवेदनशील इलाकों में सर्वे कराया जाए। इसके लिए सक्षम युवाओं की ड्यूटी लगाई जाए। सक्षम युवाओं को इसके लिए प्रशिक्षण दिया जाए। स्नातक व पीजी उत्तीर्ण सक्षम युवा आशा वर्करों से बेहतर परिणाम देंगे। इस कार्य के लिए हमें किसी प्रकार की कोई देरी नहीं करनी चाहिए। वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और सिविल अस्पताल की ओपीडी में आने वाले संदिग्ध मरीजों की टीबी की जांच कराई जाए। इस मौके पर जिला क्षय रोग अधिकारी डा. पवन ने अंबाला में टीबी के मरीजों और इलाज की सुविधा के बारे में प्रोजेक्टर के माध्यम से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अस्पताल में टीबी के मरीजों के लिए लैब भी शुरू कर दी गई है। यहां मरीजों की जांच आसानी से हो जाती है। अब मरीजों को सिविल अस्पताल में नहीं भटकना पड़ता है। लोगों को इलाज के लिए पर्याप्त सुविधा मिलेगी। उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी। मौके पर डा. संगीता गोयल, डा. बेला शर्मा, डा. सुखप्रीत, डा. सुनिधि करोल, डा. पवनेश समेत अन्य मौजूद रहे।