इकरारनामे में सरकार की मार
प्रदेश सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए जनता पर बोझ डाल दिया है।
जागरण संवाददाता, अंबाला : प्रदेश सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए जनता पर बोझ डाल दिया है। इकरारनामे, मुख्तयारनामे और तलाकनामे समेत 9 तरह की फीसों में बढ़ोतरी कर दी है। स्टांप पेपर में बेतहाशा वृद्धि से जहां प्रापर्टी कारोबारी परेशान हैं तो वहीं आम जनता पर महंगाई का बोझ ओर बढ़ गया है। जिले की जनता पर तो यह दोगुनी मार है। यहां पर रजिस्ट्री बंद है और अधिकतर प्रापर्टी की सेल-परचेज इकरारनामे पर होती है। जिले में अंबाला शहर, छावनी, साहा, बराड़ा और नारायणगढ़ समेत पांच तहसील कार्यालय हैं जहां रोजाना 100 से अधिक इकरारनामे होते हैं। पहले सरकार को जिले से 1 हजार का राजस्व रोजाना मिलता था अब दो लाख रुपये रोजाना जिले से राजस्व मिलेगा।
प्रदेश सरकार के रेवेन्यू विभाग की ओर से सबसे ज्यादा फीस भी इकरारनामे की ही बढ़ाई गई है। छावनी में बंद रजिस्ट्रियों और अपार मंदी के दौर से गुजर रहे प्रॉपर्टी कारोबार व आम जनता पर दोहरी मार की है। सरकार के इस फरमान ने आम जनता की रीढ़ की हड्डी ही तोड़ दी है, प्रॉपर्टी में मंदी के चलते ही पिछले कुछ समय में छावनी के कुछ प्रॉपर्टी कारोबारी आत्महत्या भी कर चुके हैं। इसी प्रॉपर्टी कारोबारी में रोष की स्थिति पैदा हो गई है जिसके खिलाफ कारोबारी लामबंद हो रहे हैं। मांग है कि स्टांप पेपर में की गई बेतहाशा वृद्धि के फरमान को सरकार जनहित में वापस ले। रजिस्ट्रियों व मुख्तयार नामा आम पर लगी पाबंदी को भी जनहित में भी वापस ले ताकि आम जनता व प्रॉपर्टी कारोबारी राहत की सांस ले सके। कांग्रेस ने 10 से बढ़ाकर किए थे 100
प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने भी राजस्व को बढ़ाने के लिए इकरारनामे की फीस सवा दो रुपये से बढ़ाकर 100 रुपये की थी अब वर्तमान सरकार ने राजस्व बढ़ाने के मकसद से यह फीस 100 रुपये से सीधे 2 हजार रुपये कर दी है। बेशक सरकार को इससे राजस्व बढ़ेगा लेकिन आम जनता को 20 गुणा अधिक फीस एक इकरारनामे कराने पर देनी होगी। हालांकि ट्रांसफर डीड की राशि नहीं बढ़ाई गई है यदि ब्लड रिलेशन में कोई करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी एक सदस्य से दूसरे सदस्य के पास जाती है तो सरकार महज 100 रुपये का ही राजस्व बढ़ेगा वहीं दूसरी तरफ 50 हजार की प्रॉपर्टी पर खरीदने पर भी जेब से दो हजार रुपये की गई है। जनता पर बोझ बढ़ा है
प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एसोसिएशन के पूर्व प्रधान ओंकार नाथ परुथी ने बताया कि पेट्रोल डीजल के रेट रोजाना बढ़ रहे हैं जिससे महंगाई बढ़ती जा रही है। सरकार पेट्रोल के साथ-साथ अब प्रॉपर्टी कारोबार के जरिए अपना राजस्व बढ़ाने में लगी हैं जिससे आम जनता पर बोझ काफी बढ़ गया है। जनहित में वापस हो रेट
प्रॉपर्टी कारोबारी अशोक गोयल ने बताया कि महंगाई से आम जनता दुखी है और प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इकरारनामा ही होता है जिसका असर आम जनता पर ही पढ़ता है। इसीलिए जनहित में यह रेट वापस लेने चाहिए। मंत्री से मिलेंगे
प्रॉपर्टी कारोबारी महेंद्र सेठी ने बताया कि इकरारनामे और मुख्तयारनामे जैसे दस्तावेजों की रेट में जो वृद्धि हुई है उस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री से मिला जाएगा और मांग की जाएगी कि जनहित में बढ़ी हुई फीस कम की जाए या फिर वापस ली जाएं।
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नाम पहले अब
पार्टनरशिप डीड 3.75 रुपये 1000
इकरार नामा 100 2000
मुख्तयार नामा 300 1000
कंपनी एग्रीमेंट 60 रुपये से 1000
गोदनामा 37 रुपये 50 पैसे 100
तलाकनामा 30 100
विभिन्न एग्रीमेंट 15 100
पावती जारी 25 पैसे 10
अनुबंध फीस 15 100
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वर्जन
-सरकार का भी हमारे पास आदेश नहीं आए हैं, लेकिन अक्टूबर में जो बढ़ाए गए रेट हैं उन्हें लागू करने की योजना है। जैसे ही आदेश आएंगे उन्हें लागू कर दिया जाएगा।
राजेश पूनिया, तहसीलदार, अंबाला छावनी