दिनचर्या में बदलाव ने युवाओं को दी बीमारियां, खुद ही तय कर रहे दवा
लोगों का लाइफ स्टाइल इतना आरामदायक हो चुका है कि धीरे-धीरे बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला : लोगों का लाइफ स्टाइल इतना आरामदायक हो चुका है कि धीरे-धीरे बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। यही कारण है कि लोग जहां खुद डाक्टर बनकर दवा खरीदकर खा रहे हैं, वहीं अपनी सेहत को भी संकट में डाल रहे हैं। चिकित्सकों की मानें, तो लोगों ने अपना लाइफ स्टाइल यानी दिनचर्या ही ऐसी आरामदायक बना ली है कि वे हल्की फुल्की बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं। आरामदायक लाइफ स्टाइल इस कदर बढ़ चुका है कि युवा अवस्था भी इसकी चपेट में आने लगी है, जबकि आने वाले समय में यह और तेजी से बढ़ सकती है।
इस तरह से बदल रहा है लोगों का लाइफ स्टाइल
चिकित्सकों की मानें, तो लोगों का लाइफ स्टाइल काफी बदल चुका है। पहले आवाजाही की साधन सीमित होते थे और लोग पैदल चलते थे, वहीं अब मोटर बाइक आदि का इस्तेमाल करने लगे हैं। इससे लोगों में पैदल चलने की आदत दूर हो रही है। इसी तरह खानपान की बात करें, तो यह भी काफी बदल चुका है। लोगों का खानपान ही उनकी सेहत को बिगाड़ने लगा है। अब आलम यह है कि युवा अवस्था में ही लोग शारीरिक दर्द झेलने लगे हैं और धीरे-धीरे यह संख्या काफी बढ़ रही है। फिजियोथैरेपी सेंटर में आने वाले मरीजों में युवा अवस्था के लोगों की संख्या अच्छी खासी है।
खुद दवा तय करना बन सकता है मुसीबत
चिकित्सकों का कहना है कि नब्बे प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जो कभी न कभी खुद ही दवा तय कर खा लेते हैं। शारीरिक दर्द हो या फिर कुछ और वे दवा विक्रेता से ही दवा ले लेते हैं। इस ट्रेंड को भी लोग तेजी से अपना रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि यह चलन भी तेजी से बढ़ रहा है जो लोगों को खतरे में डाल रहा है। यह मरीज के महत्वपूर्ण अंगों पर असर डालता है।
यह कहते हैं चिकित्सक
लोगों ने अपना लाइफ स्टाइल ही ऐसा बना लिया है कि धीरे-धीरे बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। युवा अवस्था में भी अब स्लिप डिस्क, मोटापा, शुगर, बीपी जैसी बीमारियां घेर रही हैं। यही नहीं कई बार तो इन बीमारियों में खुद ही दवा तय कर खा लेते हैं, जो सबसे ज्यादा खतरनाक है। यदि लाइफ स्टाइल थोड़ा सुधार लें, तो कई बीमारियों से बच सकते हैं।
- डॉ. डीएस गोयल, एसएमडी मेडिसन, अंबाला छावनी
वर्जन
हर दर्द में दवा खाना सही नहीं है। कुछ दर्द ऐसे हैं, जिनको मैनेज किया जा सकता है और नियमित व्यायाम से दूर किया जा सकता है। लेकिन यदि दर्द होने पर खुद ही दवा तय कर लेते हैं, तो यह गलत है। अपना रूटीन इस तरह से तय करें कि इन बीमारियों से बचा जाए। इसके लिए अपने लाइफ स्टाइल को बदलना है।
- डॉ. मिलन दास, फिजियोथैरेपिस्ट, अंबाला छावनी