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गिदावरी की सत्यापन रिपोर्ट में धान हो गई गन्ने की फसल

किसानों के सामने मंडी में क्रय एजेंसियों को धान बेचना मुश्किल हो रहा है। किसान धान बेचने के लिए मंडी पहुंचे तो सरकार के पोर्टल पर फसल गन्ना दर्शा रही है। किसानों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर खसरा संख्या सहित धान की फसल को बदलकर गन्ना किए जाने के मैसेज भी पहुंच चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Oct 2021 07:10 AM (IST)Updated: Thu, 07 Oct 2021 07:10 AM (IST)
गिदावरी की सत्यापन रिपोर्ट में धान हो गई गन्ने की फसल
गिदावरी की सत्यापन रिपोर्ट में धान हो गई गन्ने की फसल

मनीष श्रीवास्तव, अंबाला

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किसानों के सामने मंडी में क्रय एजेंसियों को धान बेचना मुश्किल हो रहा है। किसान धान बेचने के लिए मंडी पहुंचे तो सरकार के पोर्टल पर फसल गन्ना दर्शा रही है। किसानों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर खसरा संख्या सहित धान की फसल को बदलकर गन्ना किए जाने के मैसेज भी पहुंच चुके हैं। यह देख मंडी प्रबंधन भी चितित हो गया कि धान खरीद के समय गन्ने का कैसे गेट पास जारी करें। परेशान किसान ने जब क्रय एजेंसियों के इंस्पेक्टर से संपर्क किया तो उन्होंने सरकार के पोर्टल पर अंकित खसरा संख्या और धान की ही खरीद करने की बात की। यह समस्या सरकार की तरफ से कृषि विभाग और तहसील के पटवारी द्वारा किए गए गिरदावरी की सत्यापन रिपोर्ट आनलाइन होने के बाद उत्पन्न हुई।

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मोबाइल पर पहुंचा कुछ ऐसा मैसेज

एमएफएमबी हरियाणा की तरफ से किसानों के रजिस्टर्ड मोबाइल पर खसरा संख्या का उल्लेख करते हुए धान की फसल को बदलकर गन्ना किए जाने संबंधित बात है। साथ ही यदि कोई समस्या किसानों को है तो वह जिला उपायुक्त से संपर्क कर सकता है।

----------------- अगर इस तरह की समस्या किसानों के समक्ष है तो इसे चेक कराकर ठीक कराया जाएगा। किसानों की फसल का दाना दाना मंडी में एजेंसियां खरीद करेंगी। इस तरह का मैसेज तकनीकी कमी के कारण आ सकती है, जिसे जल्द ही ठीक करा दिया जाएगा।

विक्रम सिंह, डीसी अंबाला।

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खेतों में पसीना बहाने के बाद फसल की पैदावार होने के बाद अब मंडी में बेचने के लिए तरह तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। यहां पहुंचने पर पता चला कि मेरी फसल आनलाइन रिकार्ड में गन्ना है। अब कहां लेकर जाएं धान की फसल।

- कुलबीर सिंह, किसान मछवंडा।

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धान फसल बिक्री के लिए शुरूआत से ही किसानों को परेशानी हो रही है। पहले तो खरीद शुरू करने के लिए तिथि की घोषणा होने पर संसय बना था अब जब खरीद शुरू हुई तो पता चला कि कृषि और तहसील कर्मियों की रिपोर्ट में फसल ही बदल गई है।

- गौरव शर्मा, किसान बाबाहेड़ी।


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