मांगें नहीं मानीं तो गन्ना कमिश्नर और मिल मालिक की कोठी का करेंगे घेराव
शुगर मिल नारायणगढ़ की ओर बकाया किसानों की 70 करोड़ रुपये के भुगतान को लेकर मंगलवार को दिन भर मिल के बाहर किसानों का जमावड़ा लगा रहा। हालांकि इस दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) व पुलिस के जवान मौजूद रहे। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी इस दौरान किसानों के साथ धरने पर बैठे।
संवाद सहयोगी, नारायणगढ़ : शुगर मिल नारायणगढ़ की ओर बकाया किसानों की 70 करोड़ रुपये के भुगतान को लेकर मंगलवार को दिन भर मिल के बाहर किसानों का जमावड़ा लगा रहा। हालांकि इस दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) व पुलिस के जवान मौजूद रहे। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी इस दौरान किसानों के साथ धरने पर बैठे।
किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ मिल प्रबंधन व प्रशासनिक अधिकारियों में मीटिग करीब चार घंटे तक चली। इस दौरान तय हुआ कि 4 अक्टूबर तक भुगतान कर दिया जाएगा और 25 नवंबर को मिल शुरू कर दी जाएगी। इसके बाद किसानों ने आपसी बातचीत कर चेतावनी दी कि यदि चार अक्टूबर तक भुगतान नहीं हुआ तो पांच अक्टूबर को गन्ना कमिश्नर के पंचकूला स्थित कार्यालय का घेराव किया जाएगा, जबकि तय तिथि पर मिल नहीं चलने पर मिल मालिक के आवास को घेरेंगे।
इस दौरान भाकियू जिला प्रधान मलकीत सिंह, भाकियू रतनमान गुट से जिला प्रधान विक्रम राणा, प्रदेश गन्ना संघर्ष समिति से विनोद राणा सहित बाबी बधौली, जय सिंह जलबेड़ा, अमरजीत सिंह मोहड़ी, विक्की राणा, राजीव शर्मा जिला मिडिया प्रभारी भाकियू चढूनी ग्रुप, गुरजीत संतोखी आदि मौजूद रहे।
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मिल के बाहर धरने पर बैठे
नारायणगढ़ शुगर मिल को चलाने व 70 करोड़ के बकाया भुगतान को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा मिल के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया। इस दौरान गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी मौजूद रहे। शुगर मिल में एडिशनल केन कमिश्नर रविद्र हुड्डा, जगदीप बराड, डिप्टी केन कमिश्नर पवन शर्मा, एसडीएम नीरज कुमार, मिल मालिक राहुल आनन्द सहित डीएसपी नारायणगढ़ अनिल कुमार पहुंचे। यहां पर संयुक्त मोर्चा के छह सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल की मीटिग प्रशासनिक अधिकारियों व मिल मालिक से करीब साढ़े चार घंटे तक मीटिग चली। उधर, सैकड़ों की संख्या में किसान बाहर डटे रहे और किसान नेता अपनी रणनीति बनाते रहे।
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इस कारण से है विवाद और असमंजस
उल्लेखनीय है कि 13 सितंबर को गन्ना कमिश्नर की ओर से पत्र जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि यमुनानगर, शाहाबाद और भादसों (करनाल) की शुगर मिल नारायणगढ़ के गन्ना उत्पादकों का गन्ना लेने के लिए तैयारियां रखें। इससे साफ था कि शुगर मिल नारायणगढ़ नहीं चलेगी। ऐसे में किसानों में संशय हो गया कि यदि मिल नहीं चली तो गन्ना कहां देंगे और करोड़ों के बकाया भुगतान का क्या होगा। हालांकि गन्ना कमिश्नर ने यह पत्र बाद में रद कर दिया। प्रशासन व मिल प्रबंधन का कहना था कि तय समय पर मिल चलाई जाएगी। बकाया भुगतान के साथ शुगर मिल द्वारा करीब 35 करोड़ को क्राप लोन किसानों का लिया गया, जिससे बकाया भुगतान 105 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।