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ट्विन सिटी में अवैध कालोनियां वैध हुई तो भरेगा सरकार का खजाना

छावनी और शहर में अवैध कालोनियों की भरमार है और जिला नगर योजनाकार विभाग के अधिकारी भी खानापूर्ति के लिए अक्सर कालोनियों में पीला पंजा चला कर कार्रवाई करते रहे हैं। अब राज्य सरकार ने अवैध कालोनियों को वैध करने की तैयारी की है। इसके लिए हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों में अपूर्ण सुख-सुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन संशोधन विधेयक 2016 और 2021 में बदलाव किया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Aug 2021 06:45 AM (IST)Updated: Thu, 26 Aug 2021 06:45 AM (IST)
ट्विन सिटी में अवैध कालोनियां वैध हुई तो भरेगा सरकार का खजाना
ट्विन सिटी में अवैध कालोनियां वैध हुई तो भरेगा सरकार का खजाना

जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी और शहर में अवैध कालोनियों की भरमार है और जिला नगर योजनाकार विभाग के अधिकारी भी खानापूर्ति के लिए अक्सर कालोनियों में पीला पंजा चला कर कार्रवाई करते रहे हैं। अब राज्य सरकार ने अवैध कालोनियों को वैध करने की तैयारी की है। इसके लिए हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों में अपूर्ण सुख-सुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन संशोधन विधेयक 2016 और 2021 में बदलाव किया है। यदि कालोनियों को वैध कर दिया जाता है तो जनता को बड़ी राहत मिलेगी। इसके साथ ही सरकारी खजाना भी भरेगा।

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हालांकि अब भी अवैध कालोनियों में रजिस्ट्रियां नहीं हो रहीं, लेकिन इसके बावजूद जमीन की खरीद बिक्री जारी है। प्रापर्टी डीलर दूसरे राज्यों से पावर आफ अटार्नी के आधार पर खरीद बिक्री कर रहे हैं। यदि सरकार के फैसले पर धरातल पर उतरता है तो अवैध कालोनियां वैध हो जाएंगी। छावनी और शहर में दो सौ से अधिक अवैध कालोनियां बसी हैं। इसके अलावा बराड़ा, नारायणगढ़, शहजादपुर, मुलाना, साहा और नग्गल में भी इस तरह का कारोबार फलफूल रहा है।

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पहले था यह नियम

अभी तक सरकार ने फैसला लिया था कि 31 मार्च 2015 से पहले विकसित ऐसी अवैध कालोनियों को नियमित किया जाएगा, जिनमें प्लाटों पर 50 फीसद से ज्यादा निर्माण हो रखा होगा। अब राज्य सरकार ने नए संशोधन विधेयक में उक्त सीमा तो हटा दी, साथ ही 50 फीसद से ज्यादा निर्माण की शर्त को भी हटा दिया है। यानी कि अवैध कालोनी को वैध करने की 50 फीसद शर्त का मतलब यह था कि कालोनी में 50 फीसद क्षेत्र आबाद हो चुका हो। इस शर्त के हटने से लोगों को राहत मिलेगी। हालांकि राज्य सरकार ने अभी किन कालोनियों को वैध किया जाना है, इसकी लिस्ट जारी नहीं की है, लेकिन ट्विन सिटी में ऐसी कालोनियों की भरमार है। इन कालोनियों में पानी, सड़क और बिजली जैसी सुविधाएं मौजूदा समय में मिल रही हैं, लेकिन मकान की रजिस्ट्री न होना, मकान पर लोन न मिलना, मकान को आसानी से बचा नहीं जा सकता है, ऐसी कई कठिनाइयां हो रही हैं।

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कार्यालयों में अवैध कालोनियों के लगे बोर्ड

अंबाला छावनी व शहर तहसील में जिला प्रशासन की ओर से अवैध कालोनियों की सूची जारी कर इसके बोर्ड लगाए गए हैं। प्रशासन का मकसद था कि लोग इन क्षेत्रों में मकान न बनाएं। इन क्षेत्रों में रजिस्ट्री नहीं होगी और कभी भी इन निर्माण को तोड़ा जा सकता है। राज्य सरकार ने बिल में संशोधन कर दिया है, लेकिन कालोनियों की लिस्ट आज भी कार्यालयों में लगी हुई है।

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तीन बार कालोनियों को किया गया है वैध

प्रदेश सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान तीन बार अवैध कालोनियों को वैध किया है। तत्कालीन चौटाला सरकार ने करीब तेरह कालोनियों को वैध किया था, जबकि इसके बाद हुड्डा सरकार के कार्यकाल में अवैध कालोनियों को वैध करने का काम किया गया है। इसी तरह मनोहर लाल सरकार ने भी कुछ अवैध कालोनियों को वैध किया था।

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डीसी ने मांगी है रिपोर्ट

डीसी विक्रम सिंह ने जिला नगर योजनाकार से अवैध निर्माणों पर हुई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। जनवरी 2020 से कितनों को नोटिस जारी किया गया, कितनों पर कार्रवाई हुई, कितनों पर केस दर्ज कराया गया, इसकी रिपोर्ट देने को कहा गया है।


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