देश को एकसूत्र में बांधती है हिंदी भाषा
हिदी एक व्यवहारिक भाषा है जो पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधती है। अक्सर हिदी दिवस के अवसर पर हिदी के अस्तित्व महत्व और वर्चस्व पर सारे देश में खासकर हिदी भाषी समाज में एक बहस शुरू होती है।
जागरण संवाददाता, अंबाला, शहजादपुर : हिदी एक व्यवहारिक भाषा है, जो पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधती है। अक्सर हिदी दिवस के अवसर पर हिदी के अस्तित्व, महत्व और वर्चस्व पर सारे देश में खासकर हिदी भाषी समाज में एक बहस शुरू होती है। इस विषय में कुछ शिक्षाविदों से बातचीत की गई तो सतपाल गिरोत्रा प्राचार्य राजकीय महिला महाविद्यालय शहजादपुर ने कहा कि लचीलापन हिदी भाषा का सबसे महत्वपूर्ण गुण है। इससे हिदी भाषा विभिन्न बोलियों तथा भाषाओं से समन्वय बनाकर लोगों को विचार-विनिमय का महत्वपूर्ण माध्यम व मंच उपलब्ध करवाती है। हिदी के विकास के लिए जरूरी है कि हम अपने कार्यक्षेत्र पर हिदी का अधिक से अधिक प्रोयाग करें।
डा. निर्मल सिंह सहायक प्रोफेसर हिदी विभाग राजकीय महिला महाविद्यालय शहजादपुर ने कहा कि हिदी कि स्थिति केवल भारत ही नहीं अपितु वैश्विक स्तर पर भी बहुत अच्छी है। आज विश्व के अधिकतर विश्वविद्यालयों में हिदी भाषा का पठन-पाठन हो रहा है। आज अस्तित्ववादी विमर्शों के कारण स्त्री विमर्श तथा आदिवासी विमर्श आदि पर व्यापक साहित्य रचना हो रही है। जिससे मुख्यधारा का साहित्य और अधिक समृद्ध हुआ है। सोशल मीडिया के आने से हिदी की स्थिति बहुत बेहतर हुई है।
डा. यशपाल सहायक प्रोफेसर अंग्रेजी विभाग राजकीय महिला महाविद्यालय शहजादपुर ने कहा कि भाषाओं का आपस में कोई मतभेद नहीं होता है। सभी भाषाएं हमारे जीवनयापन को सरलता व सहजता प्रदान करती हैं। अक्सर हिदी तथा अंग्रेजी को एक दूसरे की विरोधी भाषाएं दिखाया जाता है जो सरासर निरर्थक व तथ्यहीन बात है।
सुमन लता सहायक प्रोफेसर वाणिज्य विभाग राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नारायणगढ़ ने कहा कि हिदी में व्यापारिक और व्यावसायिक भाषा बनने के सभी गुण विद्यमान हैं। यही कारण है कि आज सभी बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत में अपने उत्पाद बेचने तथा अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए हिदी भाषा का इस्तेमाल करती हैं। चाहे टीवी पर दिखाये जाने वाले विज्ञापन हों या अन्य माध्यमों से उत्पाद जनता तक पहुंचाना इसके लिए हिदी भाषा की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए हिदी के जानकारों की मांग लगातार बढ़ रही है।
सुभाष कुमार एसोसिएट प्रोफेसर अर्थशास्त्र विभाग राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नारायणगढ़ ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भाषा का महत्वपूर्ण योगदान होता है। यदि शिक्षा विद्यार्थी कि मातृभाषा में दी जाये तो निश्चित ही उसके परिणाम बहुत बेहतर होंगे। किसी भी देश कि अर्थव्यवस्था उस देश की शिक्षा पर निर्भर करती है। हिदी भाषा हमारे देश की मातृभाषा है जो निश्चित ही देश की आर्थिक उन्नति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
राजकुमार सहायक प्रोफेसर भूगोल विभाग राजकीय महिला महाविद्यालय शहजादपुर ने कहा कि हमें हिदी का प्रयोग करने में गर्व की अनुभूति होनी चाहिये। हमें बेहतर तरीके से शुद्ध हिदी बोलने का प्रयास करना चाहिये। हिदी एक वैज्ञानिक भाषा है। इसमें सभी ध्वनियों को लिखने के लिए अलग-अलग संकेत हैं। इसलिए कंप्यूटर के क्षेत्र में भी इस भाषा का सफलतापूर्वक प्रयोग किया जा रहा है।
नताशा सहायक प्रोफेसर गणित विभाग राजकीय महिला महाविद्यालय शहजादपुर ने कहा कि भारत में हिदी अपने अस्तित्व में आने के बाद से कई परिवर्तनों से होकर गुजरी है, जो इसकी प्रगतिशीलता को दर्शाता है। जिस भाषा में प्रगतिशीलता का गुण हो वह कभी भी समाप्त नहीं हो सकती। यह उक्ति हिदी भाषा पर पूरी सटीकता से लागू होती है।
संजीव कुमार प्राचार्य राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नारायणगढ़ ने कहा कि यह बड़ी विडंबना है कि हिदी भाषी देश में हिदी दिवस मनाने कि आवश्यकता पड़ रही है। मेरे विचार में इसका सबसे बड़ा कारण क्षेत्रीय भाषाओं का हस्तक्षेप होने के साथ साथ अंग्रेजी भाषा जो अंतरराष्ट्रीय भाषा है उसका आवश्यकता से अधिक प्रयोग होना है। हिदी की गुणवता और महत्व को लोगों के सामने प्रस्तुत करने कि आवश्यकता है।