अर्थव्यवस्थाका पहिया अब पकड़ने लगा रफ्तार, जीएसटी भरेगी सरकार की झोली
कोरोना महामारी की वजह से विकास और अर्थव्यवस्था का जो पहिया थम गया था अब अब आगे बढ़ा है। चौपट हो चुके कारोबार में अब धीरे-धीरे तेजी आनी शुरू हो गई।
त्योहारी सीजन में जीएसटी कलेक्शन में 17 फीसद की वृद्धि दर्ज फोटो 23
-सितंबर और अक्टूबर 2020 में बढ़ा कारोबार जागरण संवाददाता, अंबाला : कोरोना महामारी की वजह से विकास और अर्थव्यवस्था का जो पहिया थम गया था, अब अब आगे बढ़ा है। चौपट हो चुके कारोबार में अब धीरे-धीरे तेजी आनी शुरू हो गई। त्योहारी सीजन के बाद मांगलिक कार्यक्रम होने शुरू हो गए, जिससे अब धीरे-धीरे जिले के कारोबारी उबरने लगे हैं। सितंबर में आबकारी एवं कराधान विभाग में जीएसटी कलेक्शन और दूसरे सेक्टरों के आंकड़े देखने पर साफ हो जाएगा कि अर्थव्यवस्था अब पटरी पर लौटने लगी है। सरकार का खजाना सितंबर महीने सेभरना शुरू हो गया है। जो जीएसटी कलेक्शन मार्च के बाद से लगातार गिर रहा था, सितंबर में 82.6 करोड़ और अक्टूबर में बढ़ कर 89 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। 16 फीसद वृद्धि
पिछले साल की तुलना में जीएसटी कलेक्शन इस बार अगस्त में -9.13 फीसद कम रहा, जबकि सितंबर में 1.45 फीसद बढ़ा। जो अक्टूबर में 16 फीसद तक पहुंच गया। पिछले साल का आंकड़ा
अगस्त 2019 में 85.84 करोड़
सितंबर 2019 में 79.12 करोड़
अक्टूबर 2019 में 77 करोड़ अब बढ़ने लगा
अगस्त 2020 में 78 करोड़
सितंबर 2020 में 82.6 करोड़
अक्टूबर 2020 में 89 करोड़ सितंबर से बढ़ रहा टैक्स जमा का ग्राफ
व्यवसाय करने वालों को जीएसटी ( गुड सर्विस टैक्स) जमा करने का ग्राफ अगस्त में तो निराशाजनक रहा, लेकिन सितंबर से बढ़ने लगा है। अगस्त में -9.13 प्रतिशत कम रहा, जबकि सितंबर में 1.45 प्रतिशत बढ़ा, जो अक्टूबर में 16 प्रतिशत हो गया। नवंबर में होने वाले व्यापार का टैक्स दिसंबर तक जमा करने की तिथि है। 2935 कारोबारियों ने नहीं भरा टैक्स
कारोबार करने वाले व्यापारियों को सहूलियत देते हुए विभाग ने प्रत्येक महीने और तिमाही में निर्धारित तिथि के बीच जीएसटी जमा करने के लिए रिर्टन भरना होता है। सितंबर माह में कारोबार करने के बाद अक्टूबर में रिर्टन न भरने वाले 2935 व्यापारियों को चिह्नित किया गया है। अब इन कारोबारियों को जुर्माना के साथ रिर्टन भरना होगा। वर्जन :
व्यापारियों के लिए सरकार ने पारदर्शी व्यवस्था लागू करते हुए जीएसटी लगाया है। जागरुक व्यापारी समय से जीएसटी का भुगतान करते हैं, जो समय बीतने के बाद टैक्स जमा करेगा, उस पर धनराशि के मुताबिक जुर्माना भी लगाया जाता है।
सुरेंद्र कुमार आयुक्त, आबकारी एवं कराधन विभाग