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अध्यापकों की बाछें खिलीं तो स्टूडेंट की बढ़ी टेंशन

उमेश भार्गव, अंबाला शहर एडिड स्कूलों के स्टाफ को सरकार द्वारा टेकओवर करने से इ

By Edited By: Published: Mon, 09 Jan 2017 01:47 AM (IST)Updated: Mon, 09 Jan 2017 01:47 AM (IST)
अध्यापकों की बाछें खिलीं तो स्टूडेंट की बढ़ी टेंशन

उमेश भार्गव, अंबाला शहर

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एडिड स्कूलों के स्टाफ को सरकार द्वारा टेकओवर करने से इन स्कूलों में स्वीकृत पदों पर कार्यरत करीब 225 अध्यापकों की बांछें खिल गई हैं। हालांकि सरकार के इस फैसले से करीब 10 हजार स्टूडेंट और उनके अभिभावकों की धड़कनें तेज हो गई हैं। अलबत्ता, कहीं आफत तो कहीं राहत जैसी स्थिति बन गई है। हालांकि अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि सरकार प्रदेशभर के इन सभी एडिड स्कूलों को टेकओवर करेगी या इनमें स्वीकृत पदों पर कार्यरत स्टाफ को।

जिले की बात करें तो कुल 34 एडिड स्कूल हैं, जिनमें से तीन स्कूलों से स्वीकृत पद खत्म होने के कारण वर्तमान में 31 स्कूलों के स्टाफ को ही सरकार से ग्रांट मिल रही है। हर माह औसतन करीब 90 लाख रुपये ग्रांट इन स्कूलों के शिक्षकों व गैर शिक्षक कर्मचारियों को ग्रांट देती है। एडिड स्कूलों में आरटीई के तहत पहली से आठवीं तक विद्यार्थियों से फीस नहीं ली जा सकती। वहीं नौवीं से 12वीं तक भी नाममात्र फीस ली जाती है।

कैसे बढ़ी अभिभावकों और विद्यार्थियों की टेंशन

यदि सरकार इन स्कूलों को टेकओवर न कर स्टाफ को टेक ओवर कर लेती है तो सभी 31 एडिड स्कूल सरकारी ग्रांट न मिलने के कारण पब्लिक स्कूल हो जाएंगे। ऐसे में सस्ती दरों पर पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर फीस अदा करनी होगी। प्राइवेट स्कूल में पांच हजार से लेकर 10 हजार रुपये तक दाखिला फीस और मासिक ढाई हजार रुपये तक राशि वसूली जा रही है। अभिभावकों को अब यही डर सताए जा रहा है।

आज सरकार को सौंपी जाएगी रिपोर्ट

प्रदेशभर के सभी जिला शिक्षा अधिकारी शिक्षा निदेशालय को एडिड स्कूलों के स्टाफ, स्कूल के दायरे, जमीन के रिकार्ड, मैनेजमेंट, प्रधान, कितना स्टाफ कार्यरत है। इनमें से स्वीकृत पद कितने हैं और कितने पर स्टाफ कार्यरत है। कितने स्टाफ का वेतन सरकार पर बकाया है और कितना वेतन मैनेजमेंट को देना है। इसके साथ ही इन स्कूलों में कितने विद्यार्थी पढ़ते हैं उनका क्लास वार ब्योरा इस रिपोर्ट में सौंपा जाएगा।

स्कूल मैनेजमेंट की मनमर्जी नहीं रोक पा रहा शिक्षा विभाग

वर्तमान में सरकार एडिड स्कूल में स्वीकृत पदों पर कार्यरत स्टाफ को 75 प्रतिशत वेतन देती है। शेष वेतन मैनेजमेंट को देना होता है, लेकिन हालत यह है कि एस्क्रो अकाउंट खुलने के बाद भी मैनेजमेंट इस एस्क्रो अकाउंट में अपने हिस्से की पूरी राशि नहीं डाल रही। हालात यह है कि जहां 125 प्रतिशत डीए एडिड स्कूल स्टाफ को मिलना चाहिए वहीं अभी भी कई स्कूलों में 72 प्रतिशत डीए मैनेजमेंट दे रही हैं। छावनी के डीएवी स्कूल के कर्मचारियों को तीन माह से वेतन ही नहीं दिया गया। यही कारण है कि सरकार के निर्णय से एडिड स्कूल में स्वीकृत पदों पर कार्यरत गुरुजी व गैर शिक्षकों की बांछें खिल गई हैं।

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प्रदेशभर में करीब 201 एडिड स्कूल हैं। हमें नहीं पता कि सभी एडिड स्कूलों को सरकार टेकओवर करेगी या केवल स्वीकृत पदों पर कार्यरत स्टाफ को। हम लंबे समय से इसके लिए संघर्षरत हैं। आज भी प्रदेश में ऐसे स्कूल हैं जहां शिक्षकों व स्टाफ को मैनेजमेंट वेतन नहीं दे रही है। सरकार के फैसले से प्रदेश के 1900 कर्मचारियों को राहत मिलनी तय है।

-एसएन तिवारी, अनुबंधित स्कूल एसो. प्रदेश महासचिव।

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हमें सरकार की ओर से केवल एडिड स्कूलों का रिकार्ड भेजने का आदेश मिला है। सभी स्कूलों का पूरा रिकार्ड सरकार के पास सोमवार को भेज दिया जाएगा। स्कूलों को ओवरटेक किया जाएगा या स्टाफ को, सरकार की ओर से अभी ऐसा कोई आदेश नहीं आया है। करीब 10 हजार विद्यार्थी अंबाला जिले के एडिड स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं।

-उमा शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी।


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