किसान आंदोलन : दिल्ली एंट्री से पहले सिघु बॉर्डर पर लगे बसों के ब्रेक
किसान आंदोलन के चलते दिल्ली में एंट्री करने की बजाए रोडवेज बसों के सिघु बॉर्डर पर ही ब्रेक लगने शुरू हो गए हैं। आंदोलन से पूर्व अंबाला डिपो से रोजाना 25 से 30 बसें रोजाना दिल्ली आइएसबीटी तक जाती थी।
फोटो 20 -अंबाला रोडवेज डिपो से रोजाना जाती थी 25 से 30 बसें -रोजाना नौ से दस हजार यात्री करते थे दिल्ली तक सफर जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : किसान आंदोलन के चलते दिल्ली में एंट्री करने की बजाए रोडवेज बसों के सिघु बॉर्डर पर ही ब्रेक लगने शुरू हो गए हैं। आंदोलन से पूर्व अंबाला डिपो से रोजाना 25 से 30 बसें रोजाना दिल्ली आइएसबीटी तक जाती थी। प्रतिदिन करीब नौ से दस हजार यात्री सफर करते थे। आंदोलन के कारण बसों के किलोमीटर व यात्रियों की संख्या कम हो गई। ऐसे में विभाग को नुकसान झेलना पड़ रहा है चूंकि दिल्ली लांग रूट होने से डिपो को रोजाना करीब तीन लाख रुपए की आमदनी होती थी। बसों का संचालन इन प्रांतों में
पंजाब, राजस्थान, यूपी व अन्य प्रांतों में बसों का संचालन हो रहा है। जिससे इन प्रांतों में जाने वाले यात्रियों की कोई परेशानी नहीं हो रही है। वह बिना किसी रुकावट के अपने स्थान पर पहुंच रहे हैं। रोडवेज अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में पंजाब में बसों को रोकने जैसे आदेश आते हैं तो उससे हिमाचल व जम्मू जाने वाले यात्रियों के लिए परेशानी खड़ी हो जाती है। समय से लौट आई थी डिपो में बसें
बता दें 25 नवंबर को किसान दिल्ली कूच करने को लेकर सिघू बॉर्डर पर भारी संख्या में पहुंच गए थे। तभी से किसान यहीं पर डटे हैं। आंदोलन के चलते राज्य के कई जिलों की बसें वहां फंसी है। अंबाला डिपो की बसें समय से फेरे पूरे कर लौट आई थी। अगर समय रहते बॉर्डर बंद हो जाने के बारे में न पता चलता तो बसें आंदोलन में फंस जाती। वर्जन :
आंदोलन के कारण बस सर्विस पर काफी फर्क पड़ा है। पहले हमारे 25 से 30 बसें दिल्ली अड्डे तक जाती थी। मगर अब सिधु बॉर्डर तक ही बसें जा पा रही हैं, लेकिन आंदोलन में डिपो की कोई बस नहीं फंसी हैं, समय से बसें लौट आई थी।
कश्मीर सिंह, डीआई, रोडवेज विभाग