पहले टांगरी नदी से रेत निकाल कर खनन, अब बना डाला कूड़े का डंपिग प्वाइंट
छावनी की टांगरी नदी इन दिनों बदहाली के आंसू रो रही है। एक ओर जहां खनन माफिया व भूमाफिया की नजर नदी में बनी हुई है वहीं अब टांगरी में कूड़े का डंपिग प्वाइंट बना दिया गया है।
जागरण संवाददाता, अंबाला: छावनी की टांगरी नदी इन दिनों बदहाली के आंसू रो रही है। एक ओर जहां खनन माफिया व भूमाफिया की नजर नदी में बनी हुई है, वहीं अब टांगरी में कूड़े का डंपिग प्वाइंट बना दिया गया है। आसपास के कॉलोनियों से निकलने वाले कूड़े को पटवी प्लांट में फेंकने की जगह यहीं फेंका जा रहा है। यहां हजारों टन कूड़ा जमा हो चुका है। स्थिति यह बन चुकी है कि टांगरी में बने मकानों व रामपुर की तरफ कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। यहां तक कि टांगरी के अंदर आसपास के मकानों का गंदा पानी भी यहीं गिराया जा रहा है जोकि इन दिनों नदी गंदे नाले में तब्दील हो चुकी है।
चारों ओर गंदगी होने के कारण आसपास के इलाके में बदबू का माहौल रहता है। क्षेत्रवासियों की मानें तो कर्मचारी व स्थानीय लोग टांगरी का इस्तेमाल कूड़ेदान के रूप में कर रहे हैं। कई बार नगर परिषद में भी कूड़ा गिराने की शिकायत कर चुकें है। बावजूद कोई समाधान नहीं हो सका। कई बार अपने स्तर पर भी कूड़ा फेंकने के लिए रोकने का प्रयास किया तो झगड़े के अलावा कोई समाधान नहीं निकल सका। टांगरी के प्रति प्रशासनिक अधिकारियों की बेरूखी के चलते यहां के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। फोटो- 27
कई बार स्थानीय लोगों को मना कर चुके
टांगरी नदी में लंबे समय से कूड़ा गिराया जा रहा है। अपने स्तर पर वह कई बार लोगों को मना कर चुके हैं। कोई भी उनकी बात मानने को तैयार नहीं। कूड़े के ढेर होने के कारण दिनभर इलाके में बदबू का आलम रहता है।
आरती, महिला फोटो- 28
नियमित तौर पर नदी का निरीक्षण जरुरी
एक मात्र नदी के रखरखाव का जिम्मा प्रशासनिक अधिकारियों को गंभीरता से निभाना चाहिए। नदी की सुंदरता बढ़ने की जगह कूड़े गिराकर उसे ओर बिगाड़ा जा रहा है। अगर समय रहते इसे रोका ना गया तो हालात ओर भी बिगड़ सकते हैं।
सोनू, युवक फोटो - 29
बेसहारा पशुओं का लगा रहता है जमावड़ा
कूड़े में ढेर के अलावा नदी में दिनभर बेसहारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। कई बार तो घर के बाहर बैठना तक भी मुश्किल हो जाता है। एक व्यक्ति कूड़ा फेंकता है तो उसे देखा देखी दूसरे भी पहुंच जाते हैं। इसलिए प्रशासन को खुद सख्ती बरतनी चाहिए।
प्रवेंद्र, युवक