मिश्रित खेती करने वाले हल्दरी के किसान शमशेर सम्मानित
साहा ब्लॉक का एक छोटा सा गांव हल्दरी। यहां का किसान पूरे जिले के किसानों के लिए पथप्रदर्शक बन गया है। इस किसान की मिश्रित खेती को देखकर चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार भी प्रभावित हो गया।
अवतार चहल, अंबाला शहर
साहा ब्लॉक का एक छोटा सा गांव हल्दरी। यहां का किसान पूरे जिले के किसानों के लिए पथप्रदर्शक बन गया है। इस किसान की मिश्रित खेती को देखकर चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार भी प्रभावित हो गया। इसी के चलते उन्हें पूरे जिले में बतौर प्रगतिशील किसान चुना गया। हिसार में आयोजित वर्चुअल कृषि मेला में उन्हें सम्मानित भी किया गया।
हल्दरी के शमशेर सिंह 12वीं पास हैं, लेकिन खेती में सभी को मात दे रहे हैं। शमशेर गांव के मौजूद सरपंच भी हैं। उन्होंने बताया कि वह 19 एकड़ में खेती करते हैं। हालांकि वह फसल को बचाने और अधिक पैदावार लेने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के संपर्क में रहते हैं। इसी वजह से उन्हें ऑनलाइन सम्मानित किया गया और बुधवार को कृषि विज्ञान केंद्र अंबाला में सम्मानित किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि वह गन्ना में चने या प्याज की फसल एक साथ लेते हैं। उन्होंने चार एकड़ में गन्ना लगाया हुआ है। इससे डबल फसल लेते हैं। इसके बाद खेत में साठी धान लगाते हैं, जिसमें कम पानी लगता है। फसल परिवर्तन करते हैं। गेहूं-धान से हटकर फसल चक्र अपनाते हैं। अक्टूबर में गन्ना लगा देते हैं, गन्ने को खुर (निचले एरिया) में और मेड़ पर चना लगा देते हैं। इसमें दोनों एक साथ होते हैं। चने की कटाई गेहूं के साथ अप्रैल में की जाती है। इसके बाद गने के खुर में मेड़ की मिट्टी भर देते हैं। गन्ना नवंबर तक तैयार होता है। इसमें गन्ने के साथ चना या प्याज की अतिरिक्त फसल हो जाती है। ---- -आलू में एक एकड़ से 1 लाख 90 हजार हुई कमाई
उन्होंने बताया कि इस साल आलू पांच एकड़ में लगाए थे। एक एकड़ में से 1 लाख 90 हजार के आलू की पैदावार हुई। आलू 29 रुपये और 19 रुपये प्रति किलो आलू तक बिका। वह आलू अगेता लगाते हैं। नवंबर तक आलू पटने पर कोई नुकसान नहीं आता। 400 क्विंटल प्रति एकड़ गन्ना का उत्पादन होता है। कच्चा आलू 60 क्विंटल प्रति एकड़ जबकि पकने पर 100 क्विंटल तक पैदावार हो जाती है। ----- -खुद बीज तैयार किया
उन्होंने बताया कि 15 सितंबर को आलू लगाया था और अक्टूबर में निकाल लिया था। फिर वह पंजाब के जालंधर से आलू का बीज लेकर आए और 1 नवंबर को आलू लगाया था। अब चार माह बाद आलू का छज्जा काटा जा रहा है। दस दिन इसे इसी तरह छोड़ दिया जाएगा ताकि अच्छी तरह से पक जाए। यह सिर्फ बीज के लिए तैयार किया जाएगा है।
------ वर्जन -किसान मिश्रित खेती करते हैं। गन्ने के साथ अलग-अलग फसल लेते हैं। फसल की जानकारी लेने के लिए विभाग के संपर्क में भी रहते हैं। उनकी काबिलियत के कारण उन्हें सम्मानित किया गया है।
डा. बलवान सिंह, केवीके अंबाला