तीन फर्जी फर्म बना जारी किए 59.36 करोड़ के बिल, सरकार खजाने को लगाई 7 करोड़ 12 लाख की चपत
तीन फर्जी फर्म बनाकर तीन लोगों ने करीब 59.36 करोड़ रुपये के फर्जी बिल जारी कर सरकारी खजाने को करीब 7 करोड़ 12 लाख रुपये की चपत लगा डाली। जब इन तीनों आरोपितों की फर्म की जांच की गई तो दिखाए गए पते पर कोई फर्म ही नहीं मिली। आरोपितों की पहचान बिहार के बागलपुर गांव शाहू पोस्ट प्रभाता शाहू नौगाचिरा निवासी वकील शर्मा गुरुनानक कालोनी खरड़ मोहाली पंजाब निवासी बावा सिंह और दलीप नगर गोबिदगढ़ फतेहगढ़ साहिब निवासी सुनील कुमार के रूप में हुई। तीनों मामलों में आर्थिक अपराध शाखा की जांच के बाद केस दर्ज किया गया।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: तीन फर्जी फर्म बनाकर तीन लोगों ने करीब 59.36 करोड़ रुपये के फर्जी बिल जारी कर सरकारी खजाने को करीब 7 करोड़ 12 लाख रुपये की चपत लगा डाली। जब इन तीनों आरोपितों की फर्म की जांच की गई तो दिखाए गए पते पर कोई फर्म ही नहीं मिली। आरोपितों की पहचान बिहार के बागलपुर गांव शाहू पोस्ट प्रभाता शाहू नौगाचिरा निवासी वकील शर्मा, गुरुनानक कालोनी, खरड़ मोहाली पंजाब निवासी बावा सिंह और दलीप नगर, गोबिदगढ़, फतेहगढ़ साहिब निवासी सुनील कुमार के रूप में हुई। तीनों मामलों में आर्थिक अपराध शाखा की जांच के बाद केस दर्ज किया गया।
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इस तरह लगाई शातिरों ने सरकारी खजाने को चपत
केस नंबर एक
बिहार के बागलपुर गांव शाहू पोस्ट प्रभाता शाहू नौगाचिरा निवासी वकील शर्मा ने सरकारी खजाने को करीब 1 करोड़ 70 लाख की चपत लगा दी। इसके लिए शातिर ने महज 1373 रुपये का टैक्स जमा करवाया। आरोपित द्वारा नवंबर 2018 से मार्च 2019 तक कल दस करोड़ तीन लाख 67 हजार 789 रुपये बिक्री के बिल जारी हुए पाए गए। लेकिन जब इस फर्म की जांच हुई तो विभाग के अधिकारियों के पांव तले से जमीन निकल गई। दरअसल वकील शर्मा ने अंबाला शहर के दुर्गा नगर में दत्त मार्केट, कौशल क्लीनिक के सामने अपना मैसर्ज शर्मा इस्पात उद्योग फर्जी फर्म बताकर इस पर 17 नवंबर 2018 को जीएसटी नंबर ले लिया। विभाग ने जब फर्म की सत्यता के बारे में जांच की तो पाया गया कि मेसर्ज शर्मा इस्पात उद्योग नाम कि कोई फर्म ही नहीं है। इसके बाद जब वकील शर्मा का ऑनलाइन रिकार्ड चेक किया गया तो उसका वास्तविक पता गांव शाहू पोस्ट प्रभाता शाहू नौगाचिरा, बागलपुर बिहार मिला। पुलिस ने इस मामले में केएस बराड़, आबकारी एवं कराधान अधिकारी, स्टेट टैक्स वार्ड न. सात की शिकायत पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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केस नंबर दो
46 करोड़ का कर डाला फर्जी फर्म पर बिजनेस
दूसरे केस में सुनील कुमार ने बाबा हीरा नगर, मोटर मार्केट में प्रो. मेसर्ज एसके इंटरप्राइजेज नाम से फर्म दिखाकर उस पर 26 जून 2018 को उस पर जीएसटी नंबर ले लिया। लेकिन जब मौके पर जाकर अधिकारी ने इसकी जांच की तो फर्म ही नहीं मिली। आनलाइन पोर्टल पर चेकिग के दौरान पाया गया कि आरोपित ने अगस्त 2018 से फरवरी 2019 तक मूल्य 19 करोड़ 3 तीन लाख 33 हजार 633 रुपये और जुलाई 2018 से फरवरी 2019 तक पंजाब एवं हरियाणा के व्यापारियों को कुल 27 करोड़ चार लाख 63 हजार 343 रुपये के बिल और ई वे बिल जारी किए। जबकि इस अवधि में केवल 1955 रुपये टैक्स जमा करवाया। इस तरह आरोपित ने कुल चार करोड़ 86 लाख 83 हजार 428 रुपये की चपत लगाई। जांच के दौरान सुनील कुमार का वास्तविक पता दलीप नगर, गोबिदगढ़, फतेहगड़ साहिब मिला। पुलिस ने इस मामले में आबकारी एवं कराधान अधिकारी, स्टेट टैक्स वार्ड नंबर-8 की शिकायत पर केस दर्ज किया है।
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केस नंबर तीन
59 लाख 25 हजार की लगाई चपत
बावा सिंह ने मुलतानी मार्केट, बाबा हीरा सिंह मोटर मार्केट में दुकान नंबर 5 प्रो. मेसर्ज बर्फानी स्टील के नाम से जीएसटी नंबर लेकर उसे 22 जून 2018 को पंजीकृत करवाया। जबकि बावा सिंह का जब ऑनलाइन रिकार्ड चेक किया गया तो उनका वास्तविक पता गुरुनानक कालोनी, खरड़ मोहाली पंजाब निकला। शिकायतकर्ता अधिकारी व निरीक्षक देवीदयाल जब इस पते पर पहुंची तो उपरोक्त फर्म ही नहीं मिली। जीएसटी पोर्टल से जब इस फर्म की डिटेल निकाली गई तो जून 2018 से अक्टूबर 2018 तक 3 करोड़ 29 लाख 18 हजार 774 पंजाब व हरियाणा के व्यापारी को बिल और ई-वे बिल जारी हुए पाए गए । इनसे खरीदने वाले व्यापारी ने उस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लिया है । इस अवधि के दौरान फर्म ने कोई टैक्स जमा नहीं कराया है न ही कोई रिटर्न भरी । इस तरह आरोपित ने कुल 59 लाख 25 हजार 379 रुपये की चपत सरकारी राजस्व को लगाई। पुलिस ने इस मामले में आबकारी एवं कराधान अधिकारी स्टेट टैक्स वार्ड नंबर 10 धनपति भारद्वाज की शिकायत पर केस दर्ज किया है।