रेसलिग : हाशिये पर जा रही ग्रीको रोमन, फ्रीस्टाइल का क्रेज
रेसलिग में ग्रीको रोमन स्टाइल जहां हाशिये पर जा रहा है वहीं खिलाड़ियों का रुझान फ्री स्टाइल की ओर जा रहा है। इसी माह जिला कुमार व जिला केसरी अखाड़ा प्रतियोगिताएं होनी हैं जिनमें ग्रीको रोमन स्टाइल के खिलाड़ियों की कमी देखने को मिलेगी।
जागरण संवाददाता, अंबाला
रेसलिग में ग्रीको रोमन स्टाइल जहां हाशिये पर जा रहा है, वहीं खिलाड़ियों का रुझान फ्री स्टाइल की ओर जा रहा है। इसी माह जिला कुमार व जिला केसरी अखाड़ा प्रतियोगिताएं होनी हैं, जिनमें ग्रीको रोमन स्टाइल के खिलाड़ियों की कमी देखने को मिलेगी। यह प्रतियोगिता फ्रीस्टाइल आधार पर खेली जाती है। दूसरी ओर खेल विभाग को कोचिग सेंटर सहित अखाड़ों में भी फ्रीस्टाइल से खेलने वाले खिलाड़ियों की भरमार है। इन में भी काफी कम खिलाड़ी हैं जो ग्रीको रोमन स्टाइल मे खेल रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण ग्रीको रोमन में जिला स्तर पर अलग से मुकाबले न होना माना जा रहा है। दंगल भी फ्रीस्टाइल खिलाड़ियों पर भी टिके हैं। उल्लेखनीय है कि जिला में करीब अठारह अखाड़े हैं, जिनमें फ्रीस्टाइल के खिलाड़ी ही ज्यादा हैं। कुश्ती प्रतियोगिता फ्रीस्टाइल और ग्रीको रोमन स्टाइल में खेली जाती है। फ्रीस्टाइल में जहां कमर से नीचे भी दांव लगाया जा सकता है, वहीं ग्रीको रोमन में कमर से ऊपर ही दांव लगाया जा सकता है। ग्रीको रोमन में प्रतियोगिताएं कम
ग्रीको रोमन में जिला स्तर पर अलग से मुकाबले काफी कम करवाए जाते हैं। किसी कुश्ती प्रतियोगिता में फ्रीस्टाइल खिलाड़ियों में से ही कुछ पहलवान ग्रीको रोमन में मैच खेलते हैं। इससे आगे यदि कोई प्रतियोगिता होती है, तो उसमें इन में से ही खिलाड़ियों को आगे भेजा जाता है। लेकिन अहम है कि इस स्टाइल में मुकाबले कम ही हो रहे हैं। अखाड़े में करीब 25 खिलाड़ी प्रेक्टिस करने के लिए आते हैं, जिनका रुझान फ्रीस्टाइल की ओर ही है। हां, किसी प्रतियोगिता में ग्रीको रोमन स्टाइल से मैच हो, तो इनमें से ही चुनाव कर लिया जाता है। सिर्फ ग्रीको रोमन सीखने वाले कम ही है।
- जगपाल, दयाल गुरु अखाड़ा, अंबाला छावनी अंबाला शहर व छावनी में कोचिग सेंटर चलाए जा रहे हैं। यह तो खिलाड़ी पर निर्भर है कि वह किस स्टाइल में कुश्ती सीखना चाहता है। सेंटर में अधिकतर तो फ्रीस्टाइल के हैं, लेकिन कुछ हैं, जो ग्रीको रोमन में खेलते हैं।
- मनदीप, रेसलिग कोच, खेल विभाग अंबाला