अंबाला में कोरोना संक्रमित मरीजों का ग्राफ गिरा
जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों का ग्राफ गिरने लगा है। इस वजह से आइसोलेशन वार्ड में ऑक्सीजन बेड भी 70 फीसद खाली हो गए हैं। वहीं अप्रैल और मई में कोरोना संक्रमितों के लिए ऑक्सीजन बेड का संकट होने लगा था।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों का ग्राफ गिरने लगा है। इस वजह से आइसोलेशन वार्ड में ऑक्सीजन बेड भी 70 फीसद खाली हो गए हैं। वहीं अप्रैल और मई में कोरोना संक्रमितों के लिए ऑक्सीजन बेड का संकट होने लगा था। इसलिए कोरोना संक्रमित मरीजों की सुविधा के लिए आइसोलेशन वार्ड में बेड भी बढ़ाए गए थे।
मालूम हो कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में अप्रैल और मई में कोरेाना संक्रमित मरीजों का ग्राफ तेजी से बढ़ा था। इस दौरान एक दिन में 600 तक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल रहे थे। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने आइसोलेशन वार्ड में बेडों की संख्या को बढ़ा दिया था। यहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए 150 बेड कर दिए गए। इसके बाद भी संक्रमितों के लिए बेड का संकट बना रहता था। अंबाला में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए 1057 बेड हैं। इसमें 739 ऑक्सीजन और 158 बगैर ऑक्सीजन वाले बेड हैं।
जिले में सरकारी और निजी अस्पतालों में 605 सक्रिय मरीजों को इलाज के लिए आइसोलेट किया गया है। मई में 5054 तक सक्रिय मरीज रहे हैं। इस दौरान कोरोना संक्रमित मरीजों के वेंटिलेटर फुल हो गए थे और ऑक्सीजन सपोर्ट बेडों का संकट होने लगा था। इसलिए इमरजेंसी के लिए रोडवेज की पांच बसों को एंबुलेंस में बदला गया था। इस संबंध में एएसएमओ डॉ. सुखप्रीत ने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों का ग्राफ गिरा है। इस वजह से अस्पताल में ऑक्सीजन बेड भी खाली होने लगे हैं।
----------- गांव में डोर-टू-डोर चल रहा सर्वे
अंबाला में गांव और शहर में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए करीब साढ़े तीन हजार नमूने लेने का काम किया जाता है। इसमें गांव में ढाई हजार नमूने लेने का काम किया जाता है। गांव में डोर-टू-डोर घरों का सर्वे किया जा रहा है। इस दौरान फ्लू के लक्षण होने पर कोरोना की जांच के लिए नमूने लेने का काम किया जाता है।