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बस पास और सब्जेक्ट चेंज करने के लिए भटक रही छात्राएं

जागरण संवाददाता, अंबाला : गवर्नमेंट पीजी कालेज में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बस पास बनव

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Jul 2018 07:38 PM (IST)Updated: Mon, 30 Jul 2018 07:38 PM (IST)
बस पास और सब्जेक्ट चेंज करने के लिए भटक रही छात्राएं
बस पास और सब्जेक्ट चेंज करने के लिए भटक रही छात्राएं

जागरण संवाददाता, अंबाला : गवर्नमेंट पीजी कालेज में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बस पास बनवाने के लिए विद्यार्थियों को खूब पसीने बहाने पड़ रहे हैं। हालात यह हैं कि आज तक कालेज में विद्यार्थियों के बस पास ही नहीं बन पाए जबकि आखिरी तारीख 31 है। वहीं दूसरी ओर विद्यार्थियों ने बताया कि उन्हें जबरदस्ती सब्जेक्ट थोप दिए गए हैं। उन्होंने आनलाइन फार्म में कुछ ओर आवेदन किया था और उन्हें विषय कुछ ओर दे दिए गए। इसी कारण अब वह सब्जेक्ट बदलवाने के लिए चक्कर- पर चक्कर काटने को मजबूर हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं हैं। हालात यह हैं कि बस फार्म जमा कराने और सब्जेक्ट बदलवाने दोनों के लिए दो दिन का समय दिया गया है। अब विद्यार्थियों को यह समझ नहीं आ रहा कि वह सब्जेक्ट बदलवाने के लिए लाइन में लगे या बस पास जमा कराने के लिए। सबसे ज्यादा परेशानी छात्राओं को हो रही हैं। सोमवार को 50 से ज्यादा छात्राएं बस पास जमा कराने के लिए दिनभर लाइन में खड़ी रही। यही हालत नाम चेंज कराने वाले विद्यार्थियों की रही। विद्यार्थियों की मांग है कि उन्हें विषय बदलवाने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाए। इस बारे में ¨प्रसिपल पूनम वत्स से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने जवाब देना जरूरी नहीं समझा।

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छात्राएं बोली जबरदस्ती दिए गए सब्जेक्ट

बीए प्रथम वर्ष में रोल नंबर 21355280112 ने बताया कि उसने पॉलीटिकल साइंस और अर्थशास्त्र विषय भरा था। उसे पोल साइंस काटकर फाइन आर्ट विषय जबरदस्ती दिया गया है। इसी तरह महक ने बताया कि उसका रोल नंबर 2135520170 ने बताया कि उसे पोल साइंस काटकर फाइन आर्ट दिया गया। जबकि प्रियंका देवी रोल नंबर 2135520151 ने अर्थशास्त्र काटकर फाइन आर्ट दिया गया। वहीं मनोज, संदीप, मोहित व ओंकार ने बताया कि वह सुबह से सब्जेक्ट बदलवाने के लिए धक्के पर धक्के खा रहे हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।

क्यों थोपे जा रहे जबरदस्ती विषय

दरअसल कुछ विषय ऐसे हैं जो बंद होने की कगार पर हैं क्योंकि इनमें कोई रुचि नहीं ले रहा। इसीलिए इन विषयों के कोर्स को बचाने के लिए मनमर्जी से विद्यार्थियों के विषय बदल दिए गए। यही नहीं, सब्जेक्ट चेंज के लिए जो कमेटी बनाई गई है उसमें कुछ ऐसे अध्यापक शामिल हैं जिनके खुद के विषय बंद होने वाले हैं।


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