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301 दिन बाद अदालत परिसर में लौटी रौनक, फुल वर्किंग शुरू

कोरोना काल के बाद अदालतों में 301 दिन बाद रौनक लौट आई। सोमवार को सभी अदालतों में पूरे दिन वर्किंग हुई। सभी अदालतों में हलचल होती नजर आई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 07:10 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 07:10 AM (IST)
301 दिन बाद अदालत परिसर में लौटी रौनक, फुल वर्किंग शुरू
301 दिन बाद अदालत परिसर में लौटी रौनक, फुल वर्किंग शुरू

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : कोरोना काल के बाद अदालतों में 301 दिन बाद रौनक लौट आई। सोमवार को सभी अदालतों में पूरे दिन वर्किंग हुई। सभी अदालतों में हलचल होती नजर आई। अंबाला शहर की 15 अदालत में काम जारी रहा, जबकि दो अदालत में काम नहीं हुआ। इन अदालतों में 736 मुकदमे लगे थे। हालांकि पहले दिन ज्यादा काम नहीं हुआ। क्योंकि लोगों को सोमवार अदालतें खुलने की कोई जानकारी नहीं थी। इसके बाद भी अदालत में 165 लोग अदालतों में पहुंचे।

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बता दें कि पिछले साल कोरोना संक्रमण फैलने के कारण 15 मार्च को अदालतों को बंद करने का निर्णय लिया गया था। लॉकडाउन के दौरान अदालत में कामकाज पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। हालांकि कुछ समय बाद अदालतों में वीडियो कांफ्रेंस शुरू कर दी गई थी। इसके बाद अदालतों में वकीलों को प्रवेश मिलने लगा था, लेकिन किसी भी पक्ष स व्यक्ति को आने की अनुमति नहीं थी। हालांकि अदालतों में नए केस में स्टे का मामला, जमानत, चेक के केस और मेट्रोमोनियल के मामले चल रहे थे।

----------- बार काउंसिल ने 31 जनवरी तक वीसी का भेजा था पत्र

जिला अदालत में पुराने केसों में अभी तारीख ही लग रही थी। बार काउंसिल ने इस माह नया पत्र जारी किया था। जिसके चलते मामलों में लोगों को अदालत में पेश नहीं होना था। जिसमें इस माह भी अदालत में वीडियो कांफ्रेसिग के जरिए ही केसों में सुनवाई होनी थी। पत्र भेजा गया था, जिसमें 9 अक्टूबर 2020 के पत्र का जिक्र किया गया था। इसके तहत अदालतों में कार्रवाई उक्त पत्र के मुताबिक ही जारी रखनी थी। ---- -अब पूरे जज पहुंचेंगे कोर्ट

अभी तक जिला अदालत में चार जज ही पहुंच रहे थे। इनमें दो सेशन जज होते थे और दो लोअर जज रहते थे। क्योंकि कोरोना को ध्यान में रखते हुए सावधानी बरती जा रही थी। लेकिन अब सभी अदालत में जज पहुंचेंगे।

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-पुराने केस की नहीं हो रही सुनवाई

अदालतों में इस समय पुराने केसों में कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। क्योंकि केस शुरू होने के बाद बहस, गवाही, जवाबदावा, एप्लीकेशन समेत कार्रवाई होती है। पुराने उन केसों में ही कार्रवाई हो रही थी जो बहुत पुराने थे और उसमें कार्रवाई करना जरूरी था। जो दोनों पक्ष मामले में जल्द कार्रवाई चाहते थे। इसके अलावा अन्य केसों में तारीख डाली जा रही थी।

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-प्रेम विवाह वालों को सुरक्षा के लिए पहुंचना पड़ता था

अदालत में प्रेम विवाह वालों को पहुंचना जरूरी था। क्योंकि उन्हें अदालत से सुरक्षा लेनी पड़ती थी। इसके साथ ही तलाक के मामलों में जो दंपत्ती मामले को जल्दी निपटाना चाहते थे। उनके मामले में देरी नहीं की जा रही थी। इस दौरान कोविड-19 के नियमों का पूरा ध्यान रखा गया। ------ -सोमवार को कोर्ट में लगे मामले -कोर्ट नंबर 1 में 30

-कोर्ट नंबर 3 में 13

-कोर्ट नंबर 4 में 40

-कोर्ट नंबर 5 में 26

-कोर्ट नंबर 6 में 10

-कोर्ट नंबर 7 में सिविल के 28 और क्रिमनल के 10

-कोर्ट नंबर 9 में सिविल के 17 और क्रिमनल के 35

-कोर्ट नंबर 12 के सिविल के 24 और क्रिमनल के 31

-कोर्ट नंबर 12ए के 89

-कोर्ट नंबर 14 के सिविल के 28 और क्रिमनल के 31

-कोर्ट नंबर 15 में 46

-कोर्ट नंबर 16 में 108 चेक के और एग्जीक्यूशन के 7

-कोर्ट नंबर 17 में सिविल के 29 और क्रिमनल के 35

-कोर्ट नंबर 21 के सिविल के 24 और क्रिमनल के 22

-कोर्ट नंबर 23 के सिविल के 33 और क्रिमनल के 20


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