चार वीरों और एक वीर नारी को सैल्यूट, शहीदों के परिजन हुए सम्मानित
भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध के 50 वर्ष के उपलक्ष्य में दिल्ली से निकली विजय मशाल यात्रा का अंबाला कैंट में स्वागत हुआ। इस दौरान युद्ध में भाग लेने वाले चार अधिकारियों सहित एक वीर रानी सहित 11 शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया। जब शहीदों के परिजनों को पुकारा गया तो हर किसी की आंखें नम हो गईं। हालांकि जहां एक ओर जवानों की शहादत पर सभी को गर्व था वहीं अपने वीर सैनिकों को खोने का गम भी था।
जागरण संवाददाता, अंबाला : भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध के 50 वर्ष के उपलक्ष्य में दिल्ली से निकली विजय मशाल यात्रा का अंबाला कैंट में स्वागत हुआ। इस दौरान युद्ध में भाग लेने वाले चार अधिकारियों सहित एक वीर रानी सहित 11 शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया। जब शहीदों के परिजनों को पुकारा गया तो हर किसी की आंखें नम हो गईं। हालांकि जहां एक ओर जवानों की शहादत पर सभी को गर्व था वहीं अपने वीर सैनिकों को खोने का गम भी था। इस दौरान खड़गा कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एसएस महल सहित मेजर जनरल एवं जीओसी अनिल चौधरी, एयर कमांडर डीएस जोशी, डीसी अशोक कुमार शर्मा आदि मौजूद रहे।
सन 1971 के युद्ध में अदम्य साहस दिखाने वाले वीर चक्र विजेता रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जरनल रणजीत सिंह, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केएस. डोगरा, सूबेदार सेवा सिंह, ऑनरेरी कैप्टन राम सिंह, अजीत कौर पत्नी स्वर्गीय मेहर सिंह सहित अन्य वीरांगनाओं को सम्मानित किया गया। खड़गा कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एसएस महल ने कहा कि सेना के जवानों ने देश के संविधान एवं सेना के प्रति जो अपना कर्तव्य निभाया है वह काबिले तारीफ है। यह जीत हिदुस्तान के इतिहास की सबसे बड़ी जीत थी। 16 दिसंबर 2020 को स्वर्णिम विजय मशाल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नेशनल वार मेमोरियल दिल्ली में प्रज्वलित किया गया था। यह मशाल गाजियाबाद, मेरठ, देहरादून होते हुए अंबाला पहुंची है। यहां से यह विजय ज्योति पटियाला पहुंचेगी। विजय ज्योति अंबाला होते हुए देश के सबसे ऊंचे युद्ध स्थल सियाचिन तक जाएगी। कार्यक्रम गार्ड आफ ऑनर से शुरू हुआ। भारतीय वायुसेना के जवानों ने भी फ्लाई पास्ट किया।