फूट कारण पहली बार छावनी और शहर में कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त
विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए यह पहला चुनाव था जब उसके प्रत्याशी अंबाला छावनी और शहर से अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। अब तक हुए बारह चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी को अपनी जमानत बचाने के लिए कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ी।
जागरण संवाददाता, अंबाला : विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए यह पहला चुनाव था, जब उसके प्रत्याशी अंबाला छावनी और शहर से अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। अब तक हुए बारह चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी को अपनी जमानत बचाने के लिए कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ी। अंबाला शहर हलके से भाजपा 7 बार और कांग्रेस 5 बार जीती थी। यह भी सच रहा कि अब तक कांग्रेस उम्मीदवार की कभी भी इस हलके से जमानत जब्त नहीं हुई। हालाकि भाजपा की वीना छिब्बर वर्ष 2005 में और वर्ष 2009 में भाजपा के डॉ. संजय शर्मा दोनों ही कांग्रेस के तत्कालीन उम्मीदवार विनोद शर्मा के सामने अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे। इसी प्रकार अंबाला कैंट विधानसभा हलके में भी कांग्रेस पार्टी ने पांच बार और भाजपा ने छ: बार जीत हासिल की जबकि दो बार वर्ष 1996 और वर्ष 2000 में अनिल विज निर्दलीय के तौर पर चुनाव यहां से जीते। विज ने तीन बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा। सबसे पहले वर्ष 1990 में हुए उपचुनाव में एवं वर्ष 2009 और 2014 में भी अंबाला कैंट से विधानसभा चुनाव जीता है। केवल वर्ष 2005 विधानसभा चुनावों में भाजपा के तत्कालीन प्रत्याशी रवि सहगल जमानत नहीं बचा पाए थे। जबकि कांग्रेस उम्मीदवार की अंबाला कैंट हलके में कभी भी •ामानत जब्त नहीं हुई। अब 2019 के विधानसभा चुनावों में अंबाला छावनी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी वेणु अग्रवाल और अंबाला शहर सीट से जसबीर मलौर अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए।