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फाइव पार्ट आटोमेटिक सीबीसी मशीन बंद, लीवर के साथ प्लेटलेट्स की जांच रुकी

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर जिला नागरिक अस्पताल में मरीजों की सुविधाओं के लिए करीब

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 May 2018 07:09 PM (IST)Updated: Mon, 07 May 2018 07:09 PM (IST)
फाइव पार्ट आटोमेटिक सीबीसी मशीन बंद, 
लीवर के साथ प्लेटलेट्स की जांच रुकी
फाइव पार्ट आटोमेटिक सीबीसी मशीन बंद, लीवर के साथ प्लेटलेट्स की जांच रुकी

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर

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जिला नागरिक अस्पताल में मरीजों की सुविधाओं के लिए करीब दो माह पहले लाई गई 10 लाख रुपये की सीबीसी मशीन ठप हो गई है। इसके रेजेंट्स 20 दिनों से खत्म हो चुके हैं। इसमें सोल्यूंस नहीं डलने के कारण यह अपनी सेवाएं नहीं दे पा रही है। ऐसे में लैब टेक्नीशियन को मेनुअल ही टेस्ट करने पड़ रहे हैं। इससे समय भी ज्यादा लग रहा है और क्वालिटी भी ज्यादा अच्छी नहीं मिलती। मेनुअल (मानवीय) ढंग से किए जाने वाले टेस्ट में मशीन में रक्त जांच के लिए एक एक स्लाइड लगाई जाती है, जबकि इस मशीन में एक रैक में एक साथ 10 स्लाइड लगाई जा सकती हैं। मशीन से करीब आधे मिनट में रिपोर्ट मिल रही थी। बता दें कि आटोमेटिक सीबीसी मशीन फाइव पार्ट है। इसे थ्री पार्ट भी चलाया जा सकता है। इसमें एक साथ 25 टेस्ट की रिपोर्ट मिलती है। यह सभी टेस्ट नहीं होने से रोजाना 450 मरीज परेशान हो रहे हैं।

सेल काउंटर मशीन खराब

बुखार से पीड़ित, गर्भवती महिलाओं व एड्स इत्यादि बीमारियों के मरीजों के रक्त में सेल (प्लेटलेट्स) काउंट करने वाली मशीन करीब दो माह से खराब पड़ी है। 5 पार्ट आटोमेटिक सीबीसी मशीन आने से सेल काउंट भी इसी से हो जाते थे, लेकिन अब यह मशीन भी बंद हो गई है। इसीलिए न तो आटोमेटिक कंप्लीट ब्लड टेस्ट हो रहे हैं न ही सेल काउंट। सीबीसी टेस्ट पुरानी तरीके से ही किए जा रहे हैं जबकि सेल काउंट बंद कर दिए गए हैं।

पीबीएफ टेस्ट के भुगतान के बावजूद नहीं होता टेस्ट

जिला नागरिक अस्पताल में डॉक्टर मरीज के शरीर में रक्त की कमी का कारण देखने के लिए पीबीएफ टेस्ट लिख देता है। यह पेड टेस्ट है इसकी रसीद तो कट जाती है लेकिन इसका टेस्ट नहीं होता है, क्योंकि इसको मैनुअल करना पड़ता है।

एनालाइजर खराब, रोजाना 150 मरीजों को दिक्कतें

अस्पताल में सीबीसी, सेल काउंटर मशीन के साथ-साथ एनालाइजर भी खराब है। इसी कारण एलएफटी भी नहीं हो रहा। एलएफटी लीवर का टेस्ट होता है। लीवर के फंक्शन को देखने के लिए यह टेस्ट कराया जाता है। रोजाना औसतन 150 मरीज ऐसे आते हैं जिनका एलएफटी डॉ. लिखता है।

वर्जन

जल्द ही दोनों मशीनों को चलवा दिया जाएगा। इसके लिए तकनीशियन से बात भी हो चुकी है। मरीजों को दिक्कतें नहीं आने दी जाएंगे।

डॉ. पूनम जैन, पीएमओ।


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