पहले आधार कार्ड लेकर छोड़ी थी रेहड़ियां, अब मांग रहे अधिकारी
नगर परिषद का अजब-गजब खेल सामने आया है। नगर परिषद ने पहले रेहड़ी-फड़ी वालों के खिलाफ मोर्चा खोला और बाद में खुद ही बैकफुट पर आ गया। जुलाई माह में हिल रोड और मछी मुहल्ले से करीब 60 रेहड़ियों को जब्त किया गया।
जागरण संवाददाता, अंबाला: नगर परिषद का अजब-गजब खेल सामने आया है। नगर परिषद ने पहले रेहड़ी-फड़ी वालों के खिलाफ मोर्चा खोला और बाद में खुद ही बैकफुट पर आ गया। जुलाई माह में हिल रोड और मच्छी मुहल्ले से करीब 60 रेहड़ियों को जब्त किया गया। इन रेहड़ी वालों पर जुर्माना लगाने की तैयारी की जा रही थी। लेकिन अधिकारियों ने आधार कार्ड और चेतावनी देकर सभी रेहड़ियों को कुछ दिन पहले छोड़ दिया। लेकिन नगर परिषद के अधिकारियों पर राजनैतिक दबाव आया तो हड़कंप मच गया। रेहड़ी-फड़ी वालों से रेहड़ियां लेने के लिए पहुंचे, लेकिन उन्होंने रेहड़ियां देने से मना कर दिया। ऐसे में अधिकारियों ने खुद को बचाते हुए गांधी मार्केट वालों से निवेदन किया कि कुछ दिन के लिए पुरानी रेहड़ियों को दें दे। उसके बाद सहमति होने पर नगर परिषद को पुरानी टूटी रेहड़ियां दे दी गई। उसके बाद अधिकारियों ने इन पुरानी रेहड़ियों को रिकॉर्ड में जब्त कर दिखा दिया।
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पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में जब्त की गई थी रेहड़ियां
मच्छी मुहल्ला, हिल रोड आदि स्थानों पर लगने वाली रेहड़ियों करने के लिए नगर परिषद ने पुलिस फोर्स मांगी थी। उसके बाद रेहड़ियों को जब्त किया गया। लोगों ने विरोध भी किया था, लेकिन अधिकारियों ने उस समय एक ना सुनी। रेहड़ियों को जब्त कर कार्यालय ले आई। सिफारिश पर लोगों से आधार कार्ड लेकर रेहड़ियों को छोड़ दिया।
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दुकानों में बिक्री सब्जी वालों पर मेहरबान नप
हिल रोड पर कुछ लोग नगर परिषद की मिलीभगत से खुद का कारोबार कर रहे है। बड़े-बड़े हॉल बना दिए गए है। इन हॉल में रेहड़ी-फडी वालों को जगह अलॉट कर दी है। एक रेहड़ी वाले से चार सौ से 600 रूपये रोजाना ले रहे है। लेकिन नगर परिषद इनके खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार तक नहीं है।
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वर्जन
नगर परिषद के सचिव राजेश कुमार का कहना है कि सड़कों के किनारे लगने वाली करीब 60 रेहड़ियों को जब्त किया गया था। कोई भी रेहड़ी छोड़ी नहीं गई है। आगे भी की कार्रवाई की जा रही है।