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पराली जलाने पर 51 के चालान और 13 पर दर्ज करवायी थी एफआइआर

धान की कटाई शुरू हो गई है। इसके बाद धान के अवशेष यानि पराली की फिर से समस्या है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Sep 2021 07:40 PM (IST)Updated: Wed, 29 Sep 2021 07:40 PM (IST)
पराली जलाने पर 51 के चालान और 13 पर दर्ज करवायी थी एफआइआर
पराली जलाने पर 51 के चालान और 13 पर दर्ज करवायी थी एफआइआर

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर:

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धान की कटाई शुरू हो गई है। इसके बाद धान के अवशेष यानि पराली की फिर से समस्या है। लेकिन इसके प्रबंधन के लिए कृषि एवं कल्याण विभाग किसानों को जागरूक कर रहा है। जिसके चलते शुरुआती दौर में सेमिनार आयोजित किए जा रहे हैं। गांव-गांव में पराली न जलाने के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए दो गाड़ियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया जा चुका है। लेकिन यदि फिर भी माने पर विभाग सख्त कदम भी उठाएगा। इसी के चलते पिछले साल भी कार्रवाई की गई थी। बता दें कि कृषि एवं कल्याण विभाग पराली को लेकर पूरी तरह से गंभीर है। ऐसा ही कुछ पिछले साल भी रहा है। जिसमें विभाग को जांच में 64 जगह पर आग की घटनाएं मिली थी। इस पर विभाग ने 51 किसानों के चालान किए थे। ऐसे में विभाग को बतौर जुर्माना 1 लाख 31 हजार 250 रुपये की राशि हासिल हुई थी। विभाग को बिना हरसैक के सात मामले मिले थे। जिससे कुल 824 जगह आग थी। इनमें से 759 जगह पर कूड़ा कचरे में आग मिली थी। -हरसैक से मिलती है आग की जानकारी कृषि विभाग के पास आग लगाए जाने की जानकारी हरसैक के जरिये पहुंचती है। इसके बाद विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौके का मुआयना करते हैं। इसी तरह हरसैक की ओर से 817 मामलों की जानकारी उपलब्ध करवायी गई थी। इसके बाद विभाग की ओर से उक्त जगहों का निरीक्षण किया गया। जिनमें से कई ऐसी जगह मिली जहां पर कूड़े में आग लग रही थी। जांच के बाद 64 आग की घटनाएं सही पायी गई। -चालान और एफआइआर का है प्रावधान विभाग की ओर से हरसैक से सूचना मिलने पर सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाती है। यदि कम एरिया में आग लगायी होती है तो चालान किया जाता है। यदि अधिक एरिया में आग लगायी जाती है तो एफआइआर दर्ज की जाती है। इसी पर विभाग की ओर से हरसैक से सूचना मिलने पर 47 के खिलाफ चालान किए गए थे, वहीं बिना हरसैक के चार किसानों के चालान किए गए थे। इतना ही नहीं 13 के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज की गई थी।


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