Move to Jagran APP

अंबाला में अतिक्रमण गिराकर निगम ने दबाया फर्जीवाड़ा

जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के महेश नगर में तनेजा रोड पर बनी व्यवसायिक बि¨ल्डग में फज

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Nov 2018 01:47 AM (IST)Updated: Thu, 22 Nov 2018 01:47 AM (IST)
अंबाला में अतिक्रमण गिराकर निगम ने दबाया फर्जीवाड़ा
अंबाला में अतिक्रमण गिराकर निगम ने दबाया फर्जीवाड़ा

जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के महेश नगर में तनेजा रोड पर बनी व्यवसायिक बि¨ल्डग में फर्जीवाड़ा कर सरकार के राजस्व को चूना लगाया गया। यह फर्जीवाड़ा नगर निगम सीमा में एक प्लॉट को ग्रामीण क्षेत्र में दिखाकर छावनी तहसील से रजिस्ट्री करा ली गई। यहां तक नगर निगम में जमा कराए गए नक्शे पर प्लाट मालिक के नकली हस्ताक्षर कर दिए गए। व्यवसायिक बि¨ल्डग में कई दुकानों का निर्माण कर सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया गया। यह मामला जब सिविल कोर्ट पहुंचा तो फर्जीवाड़े की परतें खुलकर सामने आने लगी। इस दौरान पता चला कि 23 मई 2010 को लिखित में पूर्व पार्षद ने एक शपथ पत्र देकर खुद ही 15 दिन में अतिक्रमण हटा देने की बात कहीं थी। करीब आठ साल के बाद नगर निगम ने कोर्ट का हवाला देकर विवादित बि¨ल्डग को गिराने की कार्रवाई तो की लेकिन उसमें खानापूर्ति कर दी। अब यह बि¨ल्डग के खड़े पिलर कभी भी हादसे का कारण बन सकती है।

loksabha election banner

सूत्रों के मुताबिक इस व्यवसायिक बि¨ल्डग की 2 जुलाई 2007 को पॉवर आफ अटार्नी की गई। इसके बाद इस जमीन की खरीद फरोख्त शुरू हो गई। नगर परिषद से व्यवसायिक बि¨ल्डग का नक्शा पास कर लिया गया जबकि जो रजिस्ट्री कराई गई है उसमें यह जमीन नगर परिषद की सीमा से बाहर की दिखा दी गई है। नगर परिषद के अलावा फर्जीवाड़ा तहसील में भी हुआ। पटवारी से लेकर ऊपर तक किसी ने यह चेक करने की कोशिश नहीं की गई हकीकत में यह प्लॉट कहां पर है? कर्मियों और अधिकारी के साथ सांठगांठ कर स्टांप ड्यूटी बचा कर सरकार को चुना लगा दिया गया।

खुलती गई परतों पर खामोश रहे निगम अफसर

मामला जब सिविल कोर्ट में पहुंचा तो नगर निगम के अधिकारी इस फर्जीवाड़े से वाकिफ हो गए। मामला छावनी के रसूखदारों से जुड़ा होने के कारण लीपापोती कर दी गई। मामला कोर्ट में तो अतिक्रमण को लेकर था लेकिन यहां पर तो फर्जीवाड़े पर जांच बैठानी उचित नहीं समझी। मामला कोर्ट में गया और वह विद ड्रा भी हो गया। लेकिन सरकार को जो चपत और फर्जीवाड़ा किया गया है इस पर जांच से बैठाने से प्रशासनिक अधिकारी दूर हटते रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.