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अमरूत योजना में गड़बड़झाला, एक मीटर की बजाय महज एक फीट पर बिछाई वाटर सप्लाई पाइप लाइन

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : निगम क्षेत्र में अमरूत योजना के तहत बिछाई जा रही वाटर सप्लाई की पाइप लाइन में गड़बड़झाला हो रहा है। नियमों के मुताबिक पाइप लाइन एक मीटर की गहराई में बिछाई जानी है, लेकिन इसे महज एक फीट नीचे ही बिछाए जाने का खेल कर दिया गया। जबकि उपरी सतह पर पानी की पाइप टूटने का खतरा बना रहता है। मामले में जब शिकायतें आने लगी तो डायरेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दे दिए। अब मामले की जांच चीफ इंजीनियर पी गोयल करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 01:48 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 01:48 AM (IST)
अमरूत योजना में गड़बड़झाला, एक मीटर की बजाय महज एक फीट पर बिछाई वाटर सप्लाई पाइप लाइन
अमरूत योजना में गड़बड़झाला, एक मीटर की बजाय महज एक फीट पर बिछाई वाटर सप्लाई पाइप लाइन

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : निगम क्षेत्र में अमरूत योजना के तहत बिछाई जा रही वाटर सप्लाई की पाइप लाइन में गड़बड़झाला हो रहा है। नियमों के मुताबिक पाइप लाइन एक मीटर की गहराई में बिछाई जानी है, लेकिन इसे महज एक फीट नीचे ही बिछाए जाने का खेल कर दिया गया। जबकि उपरी सतह पर पानी की पाइप टूटने का खतरा बना रहता है। मामले में जब शिकायतें आने लगी तो डायरेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दे दिए। अब मामले की जांच चीफ इंजीनियर पी गोयल करेंगे।

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बता दें कि शहर के सिघांवाला और जड़ोत रोड पर अमरूत योजना के तहत वाटर सप्लाई की पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है। जन सुविधा के काम भी से¨टग हो गई और पाइप लाइन बिछाने के नियमों को दरकिनार कर दिया गया। जब मामले में शिकायतें हुई तो निगम की ओर से निर्माण की क्वालिटी को चेक करने की जिम्मेदारी ठेकेदार को ही सौंप दी गई जो काम देख रहा है। निगम अधिकारियों ने खुद पहुंचकर किसी तरह की जांच नहीं की। जबकि इस निर्माण में करोड़ों रुपया जनता का बर्बाद हो गया।

नगर निगम अंबाला के जेई, एमई संदीप राज, एक्सईएन समेत तमाम अधिकारियों की देख रेख में वाटर सप्लाई की पाइन लाइन बिछाने का काम हो रहा है। जेई ने मौके पर जाकर देखा ही नहीं और न ही एमई संदीप राज समेत अन्य किसी अधिकारी ने कि ठेकेदार द्वारा क्या काम किया जा रहा है। नियमों को ताक पर रखकर ठेकेदार ने अंबाला शहर में कई जगह मात्र एक से दो फुट में पाइन लाइनों को बिछा दी गई। जबकि खुद निगम अधिकारी मानते हैं कि यह नियमों के खिलाफ हैं और ऐसे में कम से कम पाइन लाइन एक मीटर पर बिछाई जानी चाहिए थी। मामला प्रकाश में आया तो निगम अधिकारियों की नींद खुली, लेकिन अधिकारियों ने खुद जांच न कर ठेकेदार का जिम्मा सौंप दिया।सवाल उठता है कि आखिर जिन कालोनियों में वाटर सप्लाई व सीवरेज की लाइनें बिछा दी गई हैं, घटिया व गलत निर्माण के लिए लोगों को सजा भुगतनी पड़ेगी।


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