जीएम के विरोध व समर्थन में आमने-सामने हुई रोडवेज यूनियनें, तनावपूर्ण रहे हालात
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : रोडवेज डिपो के बाहर 46 दिनों से चल रहे सर्व कर्मचारी सं
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : रोडवेज डिपो के बाहर 46 दिनों से चल रहे सर्व कर्मचारी संबंधित हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के धरने को लेकर बुधवार को रोडवेज की दूसरी यूनियनें विरोध में उतर आई। इन यूनियनों ने न केवल जीएम को अपना समर्थन व्यक्त किया बल्कि धरना दे रहे कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। एक तरफ रोडवेज डिपो पर कर्मचारी धरना दे रहे थे तो दूसरी तरफ डिपो के अंदर हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी के बैनर तले कर्मचारी एकजुट हुए। ऐसे में दोनों यूनियनों के बीच टकराव की स्थिति बनने की संभावना के चलते तनावपूर्ण हालात रहे और बलदेव नगर थाना प्रभारी खुद पुलिस बल के साथ पहुंचे। हालांकि, वर्कशाप में नारेबाजी कर रही यूनियन मुख्य गेट से जाने के बजाय डिपो के अंदर से ही जीएम कार्यालय तक पहुंची जिससे हालात काबू में रहे।
तालमेल कमेटी का नेतृत्व कर रहे यूनियन नेताओं ने जीएम कार्यालय पर जीएम मीनाक्षी दहिया के समर्थन में नारेबाजी भी की। जीएम ने बाहर आकर कर्मियों से बात की तो तालमेल कमेटी से संबंधित यूनियन ने धरना दे रहे कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। बाद में हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के डिपो प्रधान रमेश श्योकंद ने भी अपने साथियों सहित जीएम से मिलकर ज्ञापन सौंपा। इससे पहले तालमेल कमेटी के बैनर तले एकत्र हुए रोडवेज कर्मियों ने डिपो पर चल रहे धरने को बेवजह करार दिया। यहां पु¨ष्पद्र कुमार, विक्रम राणा, रणधीर ¨सह, रमन सैनी, सुशील सिल्ला आदि ने कहा कि धरना दे रही यूनियन जीएम के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है, जबकि मांगों को लेकर कोई व्यवधान नहीं है और अब यह मूंछ की लड़ाई बनाई हुई है। वहीं, रोडवेज वर्कर्स यूनियन के डिपो प्रधान रमेश श्योकंद के मुताबिक उनका विरोध मांगों को लेकर जीएम से है और रोडवेज की दूसरी यूनियन उनका बेवजह विरोध कर रही है। यूनियन उनका समर्थन नहीं कर सकती तो फिर विरोध का तो कोई मतलब नहीं बनता।
अब गाड़ी पटरी से उतरे लग गई है
जीएम मीनाक्षी दहिया ने तालमेल कमेटी के बैनर कार्यालय पर जुटे रोडवेज कर्मियों को कहा कि उन्हें अब लगने लगा है कि गाड़ी पटरी से उतरने लगी है। जीएम ने कहा कि वह किसी के खिलाफ कोई गलत कार्रवाई नहीं करना चाहती क्योंकि धरना दे रहे कर्मियों के बच्चों का ख्याल आता है। वह सब मांगें मान चुकी हैं और एक मांग बची है जिस पर कोर्ट आर्डर है। कर्मियों से तीस बार बैठक हो चुकी है लेकिन वह धरना नहीं उठा रहे। अब तक अपनी कलम से कोई कार्रवाई नहीं की लेकिन सारी रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी है। अभी भी कोई बात कर ले जो सहमति होगी उन्हें मंजूर होगी। वही, धरने के विरोध में आई यूनियनों ने जीएम को चेताया कि रमेश श्योकंद, इंद्र ¨सह बधाना, महावीर पाई, बिजेंद्र जांगड़ा व साहिब ¨सह कूंडू आदि पर कड़ी कार्रवाई की जाए अन्यथा वह भी फिर विरोध करने को मजबूर होंगे।