शिक्षा विभाग : मिड डे मील पैक कर विद्यार्थियों के घर पहुंचाना होगा, दूध की सप्लाई नहीं
- एक अप्रैल से 21 अप्रैल 2021 तक का राशन कुकिग कॉस्ट के साथ देना होगा
- एक अप्रैल से 21 अप्रैल 2021 तक का राशन कुकिग कॉस्ट के साथ देना होगा
- नवंबर 2020 से अब तक बच्चों को नहीं मिल पाया है दूध, इस बार भी यही स्थिति फोटो नंबर :: 23 जागरण संवाददाता, अंबाला: पहली से आठवीं तक के बच्चों को मिलने वाला मिड डे मील (एमडीएम) उनके घर तक पहुंचाया जाएगा। इस बार खाना (चावल और गेहूं) पैक करके देना होगा। इसके साथ ही कुकिग कॉस्ट भी दी जाएगी। लेकिन इस बार भी एमडीएम में दूध की सप्लाई बच्चों तक नहीं पहुंचेगी। नवंबर 2020 से लेकर अब तक विद्यार्थियों को एमडीएम के तहत दूध नहीं मिल पाया है। बताया जाता है कि जिस फर्म से दूध सप्लाई होता है, उसकी पेमेंट नहीं हो पाई, जिसके कारण यह दूध नहीं मिल पा रहा है।
कोरोना की दूसरी लहर में अप्रैल मध्य से स्कूल बंद हैं, जबकि इस दौरान ग्रीष्मकालीन अवकाश भी घोषित कर दिया गया था। अप्रैल माह का मिड डे मील विभाग ने देने के आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों में कहा गया है कि एक अप्रैल 2021 से लेकर 21 अप्रैल 2021 तक का मिड डे मील बच्चों को उपलब्ध कराया जाएगा। इस दौरान बच्चों (पहली से आठवीं कक्षा तक) को यह राशन उनके घरों तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए यह राशन पैक सीलबंद करके दिया जाना है। इसी को लेकर तैयारी है। मिड डे मील के लिए नए दिशा निर्देश:
दूसरी ओर बताया जा रहा है कि मिड डे मील के लिए नए दिशा निर्देश भी तैयार किए गए हैं। इसके तहत मिड डे मील का राशन हैफेड से उठाया जाएगा। खाना देने से पहले इसकी गुणवत्ता भी परखी जाएगी। खाना पकाने के लिए खाद्य पदार्थों की खरीद सीलबंद होगी। इसके साथ ही महीने में एक बार भोजन की जांच लैब में भी करवाई जाएगी। ग्रीष्मकालीन अवकाश 15 जून तक बढ़ा
प्रदेश में ग्रीष्कमालीन अवकाश के चलते स्कूलों को 31 मई तक बंद रखने के आदेश थे, जिसे अब बढ़ाकर 15 जून कर दिया गया है। इसके अलावा एक जून से स्कूलों को 9 बजे से 12 बजे तक खोला जाएगा, जबकि इस दौरान स्कूल स्टाफ 50 प्रतिशत ही पहुंचेगा। इस दौरान यह स्टाफ स्कूल का रूटीन कार्य निपटाएगा। फोटो नंबर :: 25
स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश 15 जून तक बढ़ा दिया गया है। एक जून से स्टाफ पचास प्रतिशत स्कूल में पहुंचेगा, जो अपना रूटीन का काम निपटाएगा। इसके अलावा मिड डे मील का राशन भी विद्यर्थियों को सीलबंद पैकेट में पहुंचाया जाएगा।
- सुरेश कुमार, डीईओ अंबाला