शिक्षा विभाग का कारनामा : पहले मृत दिखाया, अब पिता को बताया पति
पहले जहां शिक्षा विभाग ने एक शिक्षिका को मृतक दिखा दिया था वहीं अब फिर से लापरवाही बरत दी गई है।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : शिक्षा विभाग की लापरवाही का खामियाजा सेवानिवृत्त शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। विभाग की ओर से बार-बार पेंशन रिवाइज के दस्तावेजों में गड़बड़ी हो रही है। पहले जहां शिक्षा विभाग ने एक शिक्षिका को मृतक दिखा दिया था, वहीं अब फिर से लापरवाही बरत दी गई है। अब पेंशन रिवाइज में शिक्षिका के पिता को ही पति बता दिया गया है। इतना ही नहीं पेंशन की पूरी रकम का ब्यौरा तक नहीं चढ़ाया गया। जिस कारण शिक्षिका को पूरी पेंशन का लाभ भी नहीं मिल रहा।
शहर की कलाल माजरी की रहने वाली शिक्षिका लक्ष्मी देवी ने बतौर जेबीटी अध्यापिका 17 जुलाई 1978 को सर्विस शुरू की थी और सरकार से अनुदान प्राप्त एएस सीनियर सेकेंडरी स्कूल अंबाला में सेवा करते हुए 31 अक्टूबर 2007 को सेवानिवृत्त हुई थीं। सेवानिवृत्ति के बाद से उन्हें सरकार की ओर से नवंबर 2007 के पुराने ग्रेड पर पेंशन मिल रही थी। इसके बाद लक्ष्मी देवी ने बढ़े वेतनमान के अनुसार संशोधित पेंशन देने की मांग की थी।
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- सीएम विंडो पर दी थी शिकायत
26 फरवरी 2014 को जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी अंबाला के सेक्शन आफिसर के जरिए बढ़े वेतनमान के अनुरूप संशोधित पेंशन का मामला निदेशक मौलिक शिक्षा को भेजा था। 16 जनवरी 2015 को सीएम विडो पर शिकायत देकर पेंशन मामले को संशोधित पेंशन के हिसाब से निपटाने की गुहार लगाई थी, लेकिन विभाग ने जांच में मृत दिखा दिया था। इसके बाद बुजुर्ग को कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया से गुजरना पड़ गया था।
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-परेशानी और बढ़ा दी
शिक्षा विभाग की ओर से 22 जून 2020 को लक्ष्मी देवी का पेंशन रिवाइज का पीपीओ जारी किया गया। जिसमें लक्ष्मी देवी पत्नी जोगिद्र पाल लिखा जाना था, लेकिन लक्ष्मी देवी के पिता पराया लाल लिख दिया गया। 1 अगस्त 2011 के अनुसार जारी पीपीओ के मुताबिक पति का नाम ठीक करवाने के लिए सरकारी कार्यालयों के धक्के खाने पड़ रहे हैं।
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- पेंशन भी मिल रही अधूरी
शिक्षिका ने बताया कि उन्हें पीपीओ में 1 जनवरी 2016/ 31 अगस्त 2017 एवं 1 सितंबर 2017 को पेंशन 16560 लिखी और नेट पेंशन 16785 लिखी है। जबकि नया पीपीओ करवाने से पहले 1 अगस्त 2011 की मूल पेंशन 7024 रुपये को ध्यान में रखते हुए रिवाइज की जाए। क्योंकि उसके मुताबिक पेंशन 18052 रुपये बनती है। कम पेंशन मिलने से आर्थिक नुकसान हो रहा है।
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वर्जन
-यह एक वित्तीय मामला है, इसमें अंतिम निर्णय वितरण एवं आहरण अधिकारी द्वारा लिया जाना होता है।
सुधीर कालड़ा, डिप्टी डीईओ, अंबाला।