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बेरोजगारों की ट्रेनिग पर लापरवाही की धूल

रेडक्रॉस कार्यालय ने मनमानी की हदें पार कर दी हैं। अधिकारियों की लापरवाही ने 866 बेरोजगारों की मेहनत पर पानी फेर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 06:15 AM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 06:15 AM (IST)
बेरोजगारों की ट्रेनिग पर लापरवाही की धूल
बेरोजगारों की ट्रेनिग पर लापरवाही की धूल

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : रेडक्रॉस कार्यालय ने मनमानी की हदें पार कर दी हैं। अधिकारियों की लापरवाही ने 866 बेरोजगारों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। अधिकारी मामले की गंभीरता को जानकर भी चुप्पी साधे हैं। इस मामले में दोषी पर कार्रवाई करना तो दूर की बात फाइलों को आलमारी में ही बंद करवा दिया। इस कारण पिछले करीब डेढ़ माह से इन बेरोजगारों की ट्रेनिंग शीट पर धूल की परतें चढ़ने लगी हैं।

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बता दें कि जिला रेडक्रॉस कार्यालय अंबाला से 866 युवाओं ने 2016-17, 2017-18, 2018-19, 2019-20 तक प्रशिक्षण लिया था। प्रशिक्षण के बाद इन्हें प्रमाणपत्र मिलने थे। इस प्रमाणपत्र के आधार पर ही ये युवा परिचालक का लाइसेंस बनाने के लिए योग्य हो सकते हैं। ट्रेनिंग समाप्त होने के बाद ट्रेनिंग शीट को छह माह के अंदर मुख्यालय भेजना होता है, लेकिन रेडक्रॉस की ओर से इसे मुख्यालय को फरवरी 2020 में भेजी गई। परंतु देरी होने पर मुख्यालय ने इन्हें वापस कर दिया था। क्योंकि निश्चित समय के बाद इन शीट को नहीं लिया जा सकता।

-------- -फाइल दोबारा आलमारियों में किए बंद

रेडक्रॉस कार्यालय में चार साल तक बेरोजगारों की ट्रेनिंग शीट धूल फांकती रही। उसे वर्षो बाद टीम ने मुख्यालय को भेजा गया था। अब मुख्यालय से इसे लौटाए हुए करीब डेढृ माह हो गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हु‌र्इ्र। रेडक्रॉस ने इसे आलमारी में बंद कर दिया है। ट्रेनिंग पाने वाले कई युवाओं ने बताया कि उन्होंने इसके लिए 700 से 1000 हजार रुपये तक शुल्क दिए थे।

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वर्जन

-मैं अभी वृद्ध आश्रम में हूं, इसकी फाइल आफिस में पड़ी है। अभी मामला चल रहा है, इसमें देखते हैं क्या होता है।

विजया लक्ष्मी, सचिव, रेड क्रास सोसायटी अंबाला।


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