Move to Jagran APP

डेयरी की जल निकासी के लिए नाकाफी साबित हुआ दस एचपी का पंप, सड़कों पर वापस भरने लगा पानी

शहर की डेयरियों को गांव खतौली में शिफ्ट करने के बाद से ही सीवरेज सिस्टम दुरुस्त न होने से पूरे क्षेत्र में गंदगी पसरी है। दस फीट गहरा तालाब काफी पहले ही पूरी तरह भर चुका है जिसे खाली करने के लिए निगम ने दस हार्सपावर क्षमता की मोटर लगाई थी वह भी नाकाफी साबित हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 07:50 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 07:50 PM (IST)
डेयरी की जल निकासी के लिए नाकाफी साबित हुआ दस एचपी का पंप, सड़कों पर वापस भरने लगा पानी
डेयरी की जल निकासी के लिए नाकाफी साबित हुआ दस एचपी का पंप, सड़कों पर वापस भरने लगा पानी

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: शहर की डेयरियों को गांव खतौली में शिफ्ट करने के बाद से ही सीवरेज सिस्टम दुरुस्त न होने से पूरे क्षेत्र में गंदगी पसरी है। दस फीट गहरा तालाब काफी पहले ही पूरी तरह भर चुका है जिसे खाली करने के लिए निगम ने दस हार्सपावर क्षमता की मोटर लगाई थी वह भी नाकाफी साबित हो रही है। अब यहां लगने वाले तीन आइपी (इंटर्नल पंप) सिस्टम की योजना को मूर्त रुप मिलने से समाधान होने की उम्मीद लोगों को है।

loksabha election banner

गौरतलब है कि नगर निगम द्वारा शहर को डेयरियों की गंदगी से मुक्ति दिलाने के क्रम में वर्ष 2004 से 2009 तक करीब 148 से अधिक डेयरियों को ग्राम खतौली में जमीन आवंटन करके शिफ्ट किया गया था। डेयरियों की जल निकासी के लिए एक हजार मीटर के दायरे में 10 फीट गहरा तालाब की व्यवस्था की गई थी। करीब 5 साल पहले ही जल निकासी के लिए आवंटित तालाब भरने के साथ ही निकासी का जल वापस सड़क और गलियों में भरने लगा।

इस संबंध में डेयरी संचालकों द्वारा निगम प्रशासन को अवगत कराने के साथ ही निस्तारण के लिए निरंतर पत्राचार किया डेयरी परिक्षेत्र में करीब 83 लाख रुपये की लागत से इंटर्नल पंप सिस्टम की स्थापना करके समस्या से मुक्ति दिलाया जाना है। तालाब से जल निकासी के लिए 10 हार्स पावर क्षमता की मोटर तो लगा दी गई लेकिन इससे 20 दिनों में मात्र 3 से 4 इंच तक ही तालाब का जल स्तर कम किया जा सका। ऊपर से हाल ही में कई दिनों तक हुई बारिश के कारण हालात खराब हो गए और तालाब का पानी सड़क पर फैलने लगा। मौजूदा वक्त में गंदगी से परेशान डेयरी संचालक निजी स्तर से जल निकासी का प्रयास कर रहे हैं।

डेयरी संचालक समिति प्रधान नितिन सभरवाल ने बताया कि निगम की ओर से छह सफाई कर्मचारी क्षेत्र में सफाई व्यवस्था के लिए लगाए कर्मचारी यहां नहीं आते जिससे सफाई नहीं हो पाती है। गंदे पानी की निकासी मुख्य मुद्दा है इसके लिए कई बार विभागीय स्तर पर कार्यवाही असरकारक साबित नहीं हो रही। आइपी सिस्टम से है उम्मीद

डेयरी क्षेत्र को गंदे पानी से मुक्ति दिलाने के लिए इंटर्नल पंप सिस्टम से यहां के डेयरी संचालकों को उम्मीद है। विभागीय स्तर पर इस संबंध में वर्क टेंडर प्रक्रिया को अंतिम रुप देकर वर्क आर्डर जारी किए जाने की बात कही गई है। यमुनानगर की कंपनी के आने वाले 15 से 20 दिनों में यहां काम शुरू करने के संकेत मिले हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.