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उखड़ती सांसों को नकली रेमडेसिविर की डोज, चार राज्यों में 50 लाख का कारोबार

दीपक बहल अंबाला महामारी में रातों-रात अमीर बनने के लिए रेमडेसिविर की नकली इंजेक्शन तै

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 09:06 AM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 09:06 AM (IST)
उखड़ती सांसों को नकली रेमडेसिविर की डोज, चार राज्यों में 50 लाख का कारोबार
उखड़ती सांसों को नकली रेमडेसिविर की डोज, चार राज्यों में 50 लाख का कारोबार

दीपक बहल, अंबाला

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महामारी में रातों-रात अमीर बनने के लिए रेमडेसिविर की नकली इंजेक्शन तैयार कर हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और दिल्ली में बेच दिए गए। कोरोना संक्रमित मरीज अस्पताल में तड़प रहे थे और दवा की दुकानों पर रेमडेसिविर की कमी हो गई। ऐसे में आरोपितों ने इन चार राज्यों में हीट्रो कंपनी का लेबल लगाकर नकली रेमडेसिविर की खेप ही उतार दी। दो से तीन माह में ही 50 लाख रुपये से अधिक का कारोबार कर डाला। कारोबार के आकलन से पुलिस को अनुमान है कि हजारों मरीजों को नकली रेमडेसिविर की डो•ा दी गई, जिसको लेकर अब पुलिस छानबीन कर रही है कि यह दवा कहां-कहां पर बेची गई। अंबाला पुलिस इस प्रकरण में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि मास्टमाइंड प्रदीप अभी पकड़ से बाहर है।

वीरवार को आरोपित गौरव को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेजा गया है। इससे पहले रिमांड में आरोपित से 30 हजार रुपये और कार बरामद हो चुकी है। इन आरोपितों से बरामद किए गए 24 रेमडेसिविर इंजेक्शन वायल नकली पाए गए। हीट्रो कंपनी ने भी लिखित में पुलिस को दिया है कि जो इंजेक्शन बरामद किए गए हैं, वह उनकी कंपनी के नहीं हैं।

बता दें कि 21 अप्रैल को नाइट क‌र्फ्यू के दौरान अंबाला पुलिस ने गाड़ी संख्या एचआर050022 और गाड़ी नंबर डीएल3सीसीआर5469 में सवार चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। गाड़ी में से रेमडेसिविर के 24 इंजेक्शन बरामद हुए थे। पूछताछ में आरोपितों की पहचान दीपक कुमार निवासी धर्मपुरा गांधी नगर दिल्ली, कर्ण जुनेजा निवासी शहादरा दिल्ली, पारस निवासी नग्गल (अंबाला), कनिष्क डिफेंस कालोनी अंबाला कैंट के रूप में हुई थी। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पाया कि यह लोग इंजेक्शन की सप्लाई करते हैं, जबकि बनाने वाले आरोपित कोई और हैं। इसी कड़ी में पुलिस ने यमुनानगर के गौरव को गिरफ्तार किया। पूछताछ में बाबैन के प्रदीप का नाम भी सामने आया है। आरोपितों ने हीट्रो कंपनी बैच नंबर इस्तेमाल कर एक इंजेक्शन पर 5400 रुपये का रेट अंकित कर दिया, जबकि मौजूदा समय में यह रेट 3490 रुपये प्रति इंजेक्शन है। ऐसे में 5400 रुपये से लेकर डिमांड के मुताबिक ग्राहक को ऊंची कीमत पर बेच देते थे। एक व्यक्ति को चार से पांच इंजेक्शन भी सप्लाई किए गए। धीरे-धीरे इनके तार अन्य राज्यों में तार जुड़ गए। फार्मा लाइन से जुड़े प्रदीप की गिरफ्तारी होनी है, जिसके बाद इस मामले की परतें खुलेंगी कि इस खेल में और कौन-कौन शामिल हैं और वे इंजेक्शन किस तरह से बनाते थे। फोटो नंबर : 34

हीट्रो कंपनी ने लिखकर दे दिया है कि रेमडेसिविर का इंजेक्शन उनकी कंपनी का नहीं है। सैंपल टेस्ट किए गए हैं, जिसमें यह नकली पाया गया है।

-डा. कुलदीप सिंह, सीएमओ अंबाला फोटो नंबर :: 35

कई राज्यों से तार जुड़े मिले हैं। जांच में रेमडेसिविर का इंजेक्शन नकली पाया गया है। इस मामले में कुछ और धाराएं भी जोड़ी जाएंगी।

- हामिद अख्तर, एसपी अंबाला


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