परिजन बोले- मौत का जिम्मेदार कौन, डॉक्टर ने बुलायी पुलिस, हंगामा
नागरिक अस्पताल शहर में दो अलग-अलग मौत के मामलों में परिजन भड़क गए। परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप लगाए। यहां तक डाक्टरों से पूछा कि मौत का जिम्मेदार कौन है।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: नागरिक अस्पताल शहर में दो अलग-अलग मौत के मामलों में परिजन भड़क गए। परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप लगाए। यहां तक डाक्टरों से पूछा कि मौत का जिम्मेदार कौन है। एक मामले में परिजनों ने आरोप लगाया कि गंभीर हालत होने पर भी डॉक्टरों ने रेफर नहीं किया। जिस कारण मौत हो गई, वहीं दूसरे मामले में परिवार ने आरोप लगाया कि तबीयत खराब होने के बावजूद छुट्टी दे दी। जिस कारण उनके परिवार का चिराग बुझ गया।
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आज होनी थी सगाई, लापरवाही ने ले ली जान
सड़क हादसे के बाद इलाज में लापरवाही से एक युवक की जान चली गई। जबकि युवक की आज सगाई होनी थी। क्योंकि रायपुररानी में रिश्ता तय हो चुका था और सगाई को लेकर परिवार ने पूरी तैयारियां कर ली थी। मामला यही नहीं थमा, परिजनों को शव लेने के लिए भी कड़ी मशक्त उठानी पड़ी। दोपहर तक पोस्टमार्टम न होने के कारण परिजन का पारा चढ़ गया। क्योंकि परिजनों का पहले से ही आरोप था कि डॉक्टर ने सही उपचार किये बिना छुट्टी कर दी और अब पोस्टमार्टम कर शव नहीं सौंपा जा रहा।
बता दें कि गांव सौंडा निवासी 24 वर्षीय गुरजंट सिंह अपने भाई नीसू व जंडली के भरत के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर आशीष के घर जा रहे थे। अंबाला-हिसार हाईवे पर जलबेहड़ा चौक के पास मोटरसाइकिल अनियंत्रित हो गई और एक कार से टक्कर हो गई। इसी दौरान मोटरसाइकिल की कार से टक्कर के बाद एक ट्रक से टकरा गई। हादसे में नीसू, भरत को मामूली चोटें लगी और गुरजंट को गंभीर चोटें आई। जिसे शहर नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
दर्द से तड़पता रहा गुरजंट
पिता कुलदीप सिंह ने डॉक्टरों पर आरोप लगाया कि उसके बेटे की तबीयत ठीक नहीं थी तब भी उसे छुट्टी दी गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि गुरजंट की हालत ठीक नहीं थी उसके बाद डाक्टरों ने छुट्टी दे दी। जब गुरजंट को घर लेकर गए तो उसकी तबीयत और खराब हो गई। गुरजंट ने घर में बताया था कि उसकी छाती में दर्द हो रहा है। इसके बाद गुरजंट को देर शाम फिर से शहर नागरिक अस्पताल में ला रहे थे, जहां रास्ते में ही गुरजंट ने अंतिम सांस ली।
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-दोपहर तक नहीं हुआ पोस्टमार्टम
परिवार ने आरोप लगाया कि उन्हें शुक्रवार को कहा गया था कि शनिवार सुबह पोस्टमार्टम कर शव सौंप दिया जाएगा। लेकिन दोपहर तक भी किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर परिजनों का गुस्सा फूट गया। परिजनों ने अस्पताल में हंगामा करना शुरू कर दिया। हंगामे बाद डाक्टर मौका पाकर निकल गई।
-पांच वर्षीय बच्ची का भी नहीं हुआ था सही उपचार
कुलदीप सिंह ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ दिन पहले उनके परिवार से पांच साल की भी अस्पताल में मौत हो गई थी। बच्ची की तबीयत खराब हो गई थी। जिसे उपचार के लिये शहर नागरिक अस्पताल लाया गया था। जहां बच्ची को सही उपचार नहीं मिला और बच्ची की जान चली गई थी।
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-गंभीर हालत पर भी नहीं किया रेफर, जिम्मेदारी पूछने पर बुलाई पुलिस
छावनी निवासी श्लोचना ने बताया कि 70 वर्षीय उसके पति जसमेर की तबीयत खराब हो रही थी, उन्हें सांस मुश्किल से आ रही थी। वह और उसका बेटा केसर सिंह उसे शहर नगारिक अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टर्स ने उसे महज एक ड्रिप लगा दी। पत्नी ने आरोप लगाए कि दोपहर तक भी उसके पति जसमेर सिंह की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। इस पर उन्होंने डॉक्टर को गुहार भी लगाई। जहां पर महिल डॉक्टर ने दूसरे डॉक्टर के आने की बात कह कर टाल दिया। मामला बिगड़ने पर बुलाई पुलिस
शकुंतला और उसके बेटे ने महिला डॉक्टर पर आरोप लगाये कि यदि मामला गंभीर था तो केस को रेफर क्यों नहीं किया गया। इस पर डॉक्टर ने सफाई देते हुए कहा कि मरीज को इसलिए रेफर नहीं किया गया कि कहीं मरीज रास्ते में दम न तोड़ दे। इसके बाद डॉक्टर ने सिक्योरिटी गार्ड व पुलिस को बुला लिया। इसके बाद हंगामा और बढ़ गया। परिवार का आरोप था कि इस मौत का जिम्मेदार कौन है। इससे पहले भी अस्पताल में डाक्टर पर एक नेता जी ने आरोप लगाये थे। डॉक्टर्स ने पुलिस को बुला लिया और मामले को शांत करवाया। हालांकि मौका पाते ही डॉक्टर मौके से निकल गई।