उ. रेलवे ने शवों की अंत्येष्टि की राशि एक से बढ़ाकर पांच हजार की, अंबाला में बिल का अड़ंगा
उत्तर रेलवे ने लावारिस शवों के दाह संस्कार की राशि 1 हजार से बढ़ाकर पांच हजार कर दी है।
अंबाला [दीपक बहल]। उत्तर रेलवे ने लावारिस शवों के दाह संस्कार की राशि 1 हजार से बढ़ाकर पांच हजार कर दी है। आठ राज्यों में इसे लागू कर दिया गया है, लेकिन हरियाणा में अलग-अलग राशि दी जा रही है। हिसार में पांच हजार रुपये दिया जा रहा है, जबकि अंबाला मंडल के अधिकारी एक हजार रुपये ही दे रहे हैं। पांच हजार के लिए वे बिल मांग रहे हैं। डीआरएम दिनेश चंद्र शर्मा ने मामले को शीघ्र सुलझाने का भरोसा दिया है।
मालूम हो कि रेलवे परिसर में किसी यात्री की गिरकर या ट्रेन की चपेट में आकर मौत होती है तो शिनाख्त न होने पर पोस्टमार्टम से लेकर दाह संस्कार तक रेलवे की जिम्मेदारी होती है। शव को उठाने, फोटोग्राफी करवाने, कफन खरीदने, एंबुलेंस के माध्यम पोस्टमार्टम तक पहुंचाने और संस्कार तक की राशि जीआरपी रेलवे से प्राप्त करती है। वर्ष 2017 में प्रदेश में 2021 शव मिले थे, जिनमें 1319 की शिनाख्त हुई थी। शेष का दाह संस्कार रेलवे पुलिस ने किया था।
लावारिस शवों के दाह संस्कार की राशि बड़ा मुद्दा रही है। आखिर उत्तर रेलवे ने दिल्ली, लखनऊ, मुरादाबाद, फिरोजपुर, बीकानेर और अंबाला मंडलों में यह राशि एक हजार से बढ़ाकर पांच हजार कर दी है। इन छह रेल मंडलों के अधीन आठ राज्य आते हैं। हरियाणा के रेलवे स्टेशन दिल्ली, बीकानेर और अंबाला मंडलों के अधीन हैं।
अन्य मंडल दाह संस्कार की राशि पांच हजार देना शुरू कर दिए हैं, लेकिन अंबाला मंडल के अधिकारी बिल मांग रहे हैं। दूसरी तरफ, रेलवे पुलिस का तर्क है कि लावारिस शव को उठाने, बर्फ लगाने और आदि खर्च राशि का उन्हें कोई बिल नहीं मिलता। जब एक हजार रुपये दाह संस्कार के मिलते थे तब भी जीआरपी महज प्रार्थना पत्र देकर राशि प्राप्त कर लेती थी। दूसरे मंडलों में भी महज प्रार्थंना पत्र पर ही राशि दी जा रही है।
पांच हजार देने में आनाकानी कर रहे अधिकारी : एसएचओ
जीआरपी के थाना प्रभारी रामबचन ने बताया कि अंबाला मंडल के अधिकारी दाह संस्कार के लिए 5 हजार देने के लिए बिल मांग रहे हैं, जबकि प्रदेश के ही दूसरे जिलों में बिना बिल के राशि दी जा रही है। इस मुद्दे पर वह डीआरएम दिनेश चंद्र शर्मा से मिले थे। उन्होंने मामले को सुलझाने का आश्वासन दिया है।