Lok Sabha Elections: चुनौतियों के समय कांग्रेस ने दिग्गजों पर जताया भरोसा, 2019 के मोदी लहर में कद्दावरों पर खेला दांव
18वीं लोकसभा चुनाव के लिए हरियाणा में 25 मई को मतदान होना है। पिछली बार की तरह इस बार भी सात चरणों में वोटिंग होगी। जबकि चार जून को चुनाव परिणाम आएगा। कांग्रेस ने समय-समय पर चुनौतियों के दौर में दिग्गजों को मैदान में उतारा है। कभी दो पूर्व सीएम तो कभी 2019 के मोदी लहर में दिग्गजों पर दांव खेला। अब इस बार भी कुछ कमोबेश वही स्थिति है।
बिजेंद्र बंसल,नई दिल्ली। (Haryana Lok Sabha Election 2024 Hindi News) लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही हरियाणा में भाजपा (Haryana BJP) ने सबसे पहले अपने सभी 10 उम्मीदवार तय कर दिए हैं। इन उम्मीदवारों का चुनाव प्रचार अभियान भी गति पकड़ रहा है लेकिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अभी तक एक भी उम्मीदवार तय नहीं किया है। कांग्रेस एक सीट कुरुक्षेत्र में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन में और बाकी नौ सीट पर स्वयं चुनाव लड़ेगी।
नौ सीटों पर प्रत्याशी चयन के लिए कांग्रेस (Haryana Congress) की चार बार स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हो चुकी है और एक बार हरियाणा (Haryana News) के प्रत्याशियों का चयन करने के लिए केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक भी हो चुकी है। आलाकमान ने फिर से स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक कर मजबूत प्रत्याशियों का पैनल तैयार करने के लिए कहा है। कांग्रेस आलाकमान दिग्गजों को चुनाव मैदान में उतारना चाहता है। लेकिन दिग्गज इस बार चुनाव लड़ने के मूड में नहीं हैं।
वे चुनाव लड़ने के बजाय लड़ाने की भूमिका में रहना चाहते हैं। हालांकि कांग्रेस के चुनावी इतिहास पर निगाह डालें तो पार्टी ने विपरीत परिस्थितियों में कई बार दिग्गजों को चुनाव लड़वाया है। कई दिग्गजों ने विपरीत परिस्थितियों में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav) लड़कर अपना राजनीतिक कद बढ़ाया और पार्टी को भी मजबूती प्रदान की है।
राजनीतिक दृष्टिकोण से देखें तो आपसी गुटबाजी और राज्य में जिला व ब्लॉक स्तर पर संगठनहीन कांग्रेस के लिए 2024 का चुनाव काफी चुनौतीपूर्ण है। इससे पहले कांग्रेस के लिए 1989, 1998 व 1999 के चुनाव काफी चुनौतीपूर्ण रहे थे।
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1998 में भजन लाल करनाल से लड़े थे चुनाव
1998 में मध्यावधि चुनाव हुए तब पूर्व सीएम भजनलाल (Bhajan Lal) को पार्टी ने करनाल से लोकसभा चुनाव (Karnal Lok Sabha Chunav) लड़ाया और राजनीति के पीएचडी कहे जाने वाले भजनलाल ने इस चुनाव में जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में तब कांग्रेस को 10 में से तीन सीट मिली थी। रोहतक से भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) और महेंद्रगढ़ से राव इंद्रजीत सिंह (Rao Inderjit Singh) चुनाव जीत पाए थे।
1999 में दिग्गज नहीं निकाल पाए थे एक भी सीट
1999 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश में अटल लहर थी। तब कांग्रेस ने अंबाला से पूर्व प्रदेश कांग्रेसाध्यक्ष फूलचंद मुलाना, फरीदाबाद से मेवात के दिग्गत नेता तैयब हुसैन के पुत्र जाकिर हुसैन, कुरुक्षेत्र से उद्योगपति ओपी जिंदल, करनाल से पूर्व सीएम भजन लाल, सोनीपत से पूर्व सांसद चिरंजीलाल शर्मा, रोहतक से भूपेंद्र सिंह हुड्डा, भिवानी से पूर्व मंत्री धर्मबीर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा था। लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।
2019 में मोदी लहर में कांग्रेस ने उतारे सभी दिग्गज
2019 के चुनाव में अंबाला (Ambala News) से पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा (Kumari Selja), सोनीपत से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रोहतक (Rohtak News) से तत्कालीन सांसद दीपेंद्र हुड्डा (Deepender Singh Hooda), करनाल से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप शर्मा, सिरसा (Sirsa News) से तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर, हिसार से पूर्व सीएम भजन लाल के पौत्र भव्य बिश्नोई, फरीदाबाद से अवतार भड़ाना (Avtar Bhadana), गुरुग्राम से पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव (Captain Ajay Yadav) सहित भिवानी-महेंद्रगढ़ से पूर्व सीएम बंसीलाल की पौत्री पूर्व सांसद श्रुति चौधरी को चुनाव लड़वाया गया। हालांकि कांग्रेस सभी 10 सीटों पर चुनाव हार गई थी।
1989 लोकसभा चुनाव में दो पूर्व सीएम चुनाव मैदान में उतारे
1989 के लोकसभा चुनाव के दौरान हरियाणा में जब ताऊ देवीलाल (Tau Devi Lal) की अगुवाई में जनता दल की सरकार थी और पूरे देश में कांग्रेस विरोधी लहर थी, तब लग रहा था कि ताऊ देवीलाल का जादू मतदाताओं के सिर चढ़कर बोलेगा। उस समय कांग्रेस के रणनीतिकारों ने पूर्व सीएम भजन लाल को फरीदाबाद (Faridabad News) और बंसीलाल (Bansi Lal) को भिवानी (Bhiwani News) से चुनाव मैदान में उतारा। विपरीत परिस्थितियों में दोनों ने ही चुनाव जीते। हालांकि इस चुनाव में कांग्रेस का ओवरआल परिणाम ज्यादा बेहतर नहीं रहा। 10 में से पार्टी सिर्फ चार ही सीट जीत पाई थी। छह सीट पर जनता दल की जीत हुई थी।
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