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मुख्य सचिव कार्यालय ने मंडलायुक्त को जांच के दिए आदेश, यूनियन भी कूदी

भारतीय बास्केटबॉल के पूर्व खिलाड़ी एवं डाक विभाग हरियाणा परिमंडल के वरिष्ठ लेखाकार रमन शर्मा की शिकायत पर मुख्य सचिव कार्यालय हरियाणा की चुनाव शाखा ने मंडलायुक्त को अंबाला के तीन चुनाव अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jul 2019 07:30 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jul 2019 07:30 AM (IST)
मुख्य सचिव कार्यालय ने मंडलायुक्त को जांच के दिए आदेश, यूनियन भी कूदी
मुख्य सचिव कार्यालय ने मंडलायुक्त को जांच के दिए आदेश, यूनियन भी कूदी

जागरण संवाददाता, अंबाला : भारतीय बास्केटबॉल के पूर्व खिलाड़ी एवं डाक विभाग हरियाणा परिमंडल के वरिष्ठ लेखाकार रमन शर्मा की शिकायत पर मुख्य सचिव कार्यालय हरियाणा की चुनाव शाखा ने मंडलायुक्त को अंबाला के तीन चुनाव अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। दूसरी तरफ रविवार को शिकायतकर्ता के डाक विभाग से संबंधित यूनियन की ओर से लाल कुर्ती में मीटिग की गई। मामला मई में हुए लोकसभा चुनाव से जुड़ा है जब पूर्व खिलाड़ी नारायणगढ़ के पंजलासा में चुनावी ड्यूटी पर तैनात थे और पीछे से उनके 96 वर्षीय पिता को बेसहारा गाय ने टक्कर कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था लेकिन उसके इलाज के लिए चुनाव अधिकारियों ने पूर्व खिलाड़ी को छुट्टी नहीं दी थी।

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शिकायतकर्ता रमन शर्मा ने बताया कि 11 मई 2019 को जिला चुनाव अधिकारी एवं डीसी ने नारायणगढ़ के गांव पंजलासा में बनाए गए संवेदनशील पोलिग बूथ पर ड्यूटी लगाई थी ड्यूटी के मुताबिक वह दिन में 11 बजे अपने बूथ पर पहुंच गया था। शाम को करीब 7 बजे उसके पिता मंदिर जा रहे थे तो बेसहारा गाय ने उसे पीछे टक्कर मार दी थी। गंभीर रूप से घायल होने पर उसके पिता को उसकी पत्नी और आस पड़ोस के लोग किसी तरफ निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे। जहां हड्डी रोग विशेषज्ञ ने उसके पिता की सभी रिपोर्ट आने के बाद रात को 10 बजे बताया कि उनके एक कुल्हे की हड्डी में फ्रेक्चर आया है। इसीलिए तत्काल आप्रेशन किया जाना जरूरी है। रात को उसके घर वालों ने किसी तरह से स्थिति का संभाला। लेकिन आप्रेशन के नाम से उनके हाथ-पांव फूल गए थे। इसीलिए 12 मई को सुबह साढ़े 5 बजे उसकी पत्नी ने उसे फोन कर पूरे मामले की सूचना दी। पिता का कूल्हा टूटने पर अपने पिता के पास जाने के लिए शिकायतकर्ता कभी पीठासीन अधिकारी के सामने छुट्टी के गिड़गिड़ाया तो कभी माइक्रो ऑब्जर्वर के सामने बिलखता रहा। लेकिन किसी भी चुनाव अधिकारी ने उनकी नहीं सुनी। बूथ पर आए रिटर्निंग कम एसडीएम नारायणगढ़ और सहायक रिटर्निंग आफिसर कम तहसीलदार नारायणगढ़ के सामने भी उसने अपनी बात रखी। लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसीलिए मामले की शिकायत उसने डीजीपी के साथ-साथ चीफ इलेक्शन कमीशन नई दिल्ली को मामले की शिकायत की थी। कार्रवाई न होने पर 2 जुलाई 2019 को मामले की शिकायत गृहमंत्री अमित शाह से की थी। गृह मंत्रालय ने मामले में मुख्य सचिव कार्यालय से रिपोर्ट तलब की तो मामले में जांच के आदेश मंडलायुक्त अंबाला को दिए गए हैं।

यूनियन ने मीटिग कर उठाया मामला

छावनी के लाल कुर्ती बाजार में रविवार को पोस्टल एंड आरएम यूनियन की ओर से एक मीटिग हुई। मीटिग में वरिष्ठ लेखा अधिकारी के साथ ही घटना का मामला जोर-शोर से उठाया गया। उन्होंने कहा कि दुख की घड़ी में अधिकारियों ने उनकी नहीं सुनी। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। शिकायतकर्ता ने मीटिग में बताया कि पुलिस और चुनाव आयोग नई दिल्ली ने कोई ठोस कार्रवाई उसके मामले में नहीं की है। जिला मजिस्ट्रेट महज बयान दर्ज कर खानापूर्ति कर चुके हैं। आगे ठोस कार्रवाई नहीं होती तो मामला नई रणनीति कर शांतिपूर्वक तरीके से बात रखी जाएगी।

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