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छठ को लेकर ट्रेनों में मारमारी, खिड़कियों के सहारे यात्रियों को चढ़ा अवैध वसूली कर रहे कुली

छठ पूजन को लेकर भले ही रेलवे यात्रियों की सुविधा के लाख दावे कर रहा हो। मगर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाली ट्रेनों के छावनी स्टेशन पर आते ही ये तमाम दावे खोखले साबित हो जाते हैं। पहले ही यात्रियों से खचाखच भरी ट्रेनों में चढ़ना जान जोखिम में डालने से कम नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 01:45 AM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 01:45 AM (IST)
छठ को लेकर ट्रेनों में मारमारी, खिड़कियों के सहारे यात्रियों को चढ़ा अवैध वसूली कर रहे कुली
छठ को लेकर ट्रेनों में मारमारी, खिड़कियों के सहारे यात्रियों को चढ़ा अवैध वसूली कर रहे कुली

जागरण संवाददाता, अंबाला : छठ पूजन को लेकर भले ही रेलवे यात्रियों की सुविधा के लाख दावे कर रहा हो। मगर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाली ट्रेनों के छावनी स्टेशन पर आते ही ये तमाम दावे खोखले साबित हो जाते हैं। पहले ही यात्रियों से खचाखच भरी ट्रेनों में चढ़ना जान जोखिम में डालने से कम नहीं है। धक्का-मुक्की और तीखी झड़प के बाद यात्री ट्रेन में चढ़ जाए तो ठीक, वरना उन्हें मायूस होकर ही लौटना पड़ता है।

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कुछ ऐसा ही नजारा छावनी रेलवे स्टेशन पर रविवार को सुबह 11:40 पर जनसेवा एक्सप्रेस में देखने को मिला। ट्रेनों में चढ़ने के लिए जबदस्त मारामारी रही। दरवाजों से दाखिल न होने पर यात्रियों ने खिड़कियों का सहारा लिया। इस बीच स्टेशन पर कुलियों ने यात्रियों को ट्रेनों में चढ़ाने के नाम पर मनमाने दाम वसूले। यहां तक कि खिड़कियां तोड़कर यात्रियों को अंदर ठूंस दिया गया और बदले में सौ-सौ रुपये तक वसूले गए। पैसों को लेकर यात्रियों व कुलियों के बीच तीखी बहस भी हुई। इन सबके बावजूद कोई सुरक्षाकर्मी व रेलवे अधिकारी यात्रियों की सहायता के लिए आगे नहीं आया।

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बाथरूम की खिड़की उखाड़कर प्लेटफार्म पर फेंकी

ट्रेन में चढ़ने के लिए यात्रियों ने बाथरूम की खिड़कियां भी तोड़ डाली। कुलियों ने भी इसमें यात्रियों की मदद की और जमकर वसूली की। टूटी ट्रेन की खिड़की प्लेटफॉर्म पर फेंक दी गई।

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दो दिन से ट्रेन में चढ़ने का कर रहे इंतजार

न्यू टैगोर गार्डन छावनी निवासी शकुंतला का कहना था कि वह मूलरूप से सहरसा, बिहार की रहने वाली हैं। परिवार सहित जाने के लिए दूसरे दिन स्टेशन पर पहुंची। सीट न मिलने के कारण केवल मायूसी ही हाथ लग रही है। दो बच्चों व बहन के साथ अंदर घुसना मुश्किल हो जाता है।


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