सीबीएसई के फरमान से भड़के निजी स्कूल
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : हर दो साल बाद प्राइवेट स्कूलों को फार्म-2 भरकर हरियाणा
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : हर दो साल बाद प्राइवेट स्कूलों को फार्म-2 भरकर हरियाणा शिक्षा बोर्ड से मान्यता लेनी अनिवार्य है। ऐसा नहीं किया गया तो सीबीएसई स्कूलों से अपनी अनुबंधता समाप्त कर लेगा। सीबीएसई की ओर से जारी इन निर्देशों से प्राइवेट स्कूल संचालक खफा हैं। इसको लेकर फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन अंबाला इकाई ने पत्रकारवार्ता करते हुए कहा कि कोई भी स्कूल फार्म दो नहीं भरेगा।
प्रधान एएस महाजन ने कहा कि हरियाणा सरकार निजी स्कूल संचालकों को परेशान करने के लिए नए-नए तरीके खोजती रहती है। अब सालों से मान्यता लेकर बच्चों को एजुकेशन दे रहे स्कूल संचालकों को दोबारा से मान्यता लेने के लिए दबाव बनाते हुए फार्म नंबर-2 भरने के लिए कहा जा रहा है। महाजन ने कहा कि शिक्षा नियमावली 2003 में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि निजी स्कूल संचालकों को हर 10 साल के बाद रिन्युअल लेना है, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी निजी स्कूल संचालकों को परेशान करने व भ्रष्टाचार को बढ़ाने के लिए फार्म-2 भरवा रहे हैं, जबकि फार्म नंबर दो पर स्पष्ट तौर पर लिखा है कि यह केवल न्यू स्कूल खोलने के लिए भरा जाना है। बैठक में स्टेट के वाईस प्रधान बंसीलाल कपूर, सेक्रेटरी जनेंद्र सैनी, प्रदेश प्रवक्ता सौरभ कपूर, साहा से अजय खटकर, अमरजीत सैनी समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
फार्म छह में दे रहे सारी जानकारी
महाजन ने कहा कि निजी स्कूल संचालक यूडाइज फार्म भरते समय व फार्म-6 भरते समय स्कूलों से संबंधित सारा ब्यौरा हर साल देते हैं। फिर बार-बार स्कूल के सामान का ब्यौरा मांगने की कोई जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि रिन्युअल के नियमों में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि केवल यह चैक किया जाना है कि स्कूल में कोई कमर्शियल एक्टिविटी तो नहीं चल रही, तो वहीं दूसरी तरफ यह भी देखा जाएगा कि किसी ने स्कूल की जगह को बेच तो नहीं दिया।