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कपड़े की दुकान में धड्ल्ले से बिक रही निजी प्रकाशकों की किताबें

प्राइवेट स्कूलों में जहां फीस बढ़ोतरी को लेकर अभिभावक परेशान हैं वहीं स्कूलों द्वारा बेची जा रही कापी किताबें व ड्रेस को लेकर उनकी परेशानी और बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 08:50 AM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 08:50 AM (IST)
कपड़े की दुकान में धड्ल्ले से बिक रही निजी प्रकाशकों की किताबें
कपड़े की दुकान में धड्ल्ले से बिक रही निजी प्रकाशकों की किताबें

जागरण संवाददाता, अंबाला: प्राइवेट स्कूलों में जहां फीस बढ़ोतरी को लेकर अभिभावक परेशान हैं वहीं स्कूलों द्वारा बेची जा रही कापी, किताबें व ड्रेस को लेकर उनकी परेशानी और बढ़ गई है। बाजार से दोगुने रेट में किताबें व ड्रेस अभिभावक खरीदने को मजबूर हैं। कमीशन खाने के चक्कर में छात्रों के कंधे पर भारी बस्ते का बोझ डाल रहे स्कूलों व निजी प्रकाशकों की फटकार को कोई असर नहीं। कुछ ऐसा ही नजारा छावनी के हलवाई बाजार स्थित कपड़े की दुकान में दिखाई दिया। जहां धड्ल्ले से निजी प्रकाशकों की किताबें बिक रही थी। बावजूद शिक्षा विभाग के अलाधिकारी है कि आंखें मुंदे बैठे हैं। दुकान के अंदर बाकायदा निजी स्कूल से भेजी गई लिस्ट के अनुसार हर कक्षा के सैट तैयार किए गए है। पहले से निर्धारित दामों पर ही अभिभावकों को किताबों व कॉपियों के सैट दिए जा रहे हैं। यहां तक कि अभिभावकों को लुभाने के लिए महज कॉपियों पर छूट दी जा रही है। जबकि प्राइवेट स्कूलों में एनसीईआरटी व सीबीएसई द्वारा निर्धारित किताबें ही लगाने का आदेश है। ब्लॉक टू बीईओ मीना राठी से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया। मगर फोन उठाना उचित नहीं समझा।

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