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अटल बिहारी वाजपेयी को हराकर सुíखयों में आई थी अंबाला की पहली महिला सांसद सुभद्रा जोशी

सुभद्रा जोशी अंबाला लोकसभा सीट के इतिहास में ऐसी पहली महिला रही हैं जो चुनाव जीती।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 06:20 AM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 06:20 AM (IST)
अटल बिहारी वाजपेयी को हराकर सुíखयों में आई थी अंबाला की पहली महिला सांसद सुभद्रा जोशी
अटल बिहारी वाजपेयी को हराकर सुíखयों में आई थी अंबाला की पहली महिला सांसद सुभद्रा जोशी

दीपक बहल, अंबाला

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सुभद्रा जोशी अंबाला लोकसभा सीट के इतिहास में ऐसी पहली महिला रही हैं, जो चुनाव जीती। इतना ही नहीं डाक विभाग ने सन 2011 में 500 रुपये का डाक टिकट भी जारी किया। अंबाला ही नहीं बल्कि करनाल से भी सुभद्रा जोशी ने जीत हासिल कर वहां पर भी किसी महिला प्रत्याशी की जीत का खाता खोला। सुभद्रा जोशी ने अंबाला, करनाल और बलरामपुर सीट से प्रतिनिधित्व किया। यह नाम उस समय राजनीतिक सुíखयां बना, जब उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी को लोकसभा चुनाव में पराजित किया। करीब 47 साल के बाद कांग्रेस ने अंबाला लोकसभा सीट से किसी महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा। लगातार दो बार कुमारी सैलजा को टिकट दिया गया, जबकि तीसरी बार कुमारी सैलजा ने चुनाव नहीं लड़ा और राज्य सभा सदस्य बनीं।

तीन राज्यों से संसद तक पहुंचीं जोशी

सुभद्रा जोशी का राजनीतिक कद लगातार बढ़ता रहा। उन्होंने समाजिक गतिविधियों में भाग लिया और अच्छी पहचान भी बनाई। अंबाला और करनाल सीट से जहां उन्होंने लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की। उनका राजनीतिक कद इस कदर बढ़ गया था कि कांग्रेस ने उनको उत्तर प्रदेश के बलरामपुर सीट से लोकसभा चुनावों में उतारा। इस सीट से हुए चुनावों में सुभद्रा जोशी ने भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार अटल बिहारी वाजपेयी को मात दे दी। लोकसभा सांसद रहते हुए उन्होंने स्पेशल मैरिज एक्ट को पास कराने, बैंकों के राष्ट्रीयकरण, राजाओं का प्रीवी पर्स खत्म कराने, अलीगढ़ विश्वविद्यालय सुधार अधिनियम में अहम योगदान किया।

अभिनेता बलराज साहनी ने किया था सुभद्रा जोशी के लिए प्रचार

लोकसभा चुनावों में फिल्मी सितारों द्वारा प्रत्याशी के लिए प्रचार करने का सिलसिला नया नहीं है। सन 1962 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवार सुभद्रा जोशी के चुनाव प्रचार के लिए फिल्म स्टार बलराज साहनी शामिल हुए। बलरामपुर के परेड ग्राउंड में बलराज साहनी की चुनावी सभा हुई थी, जिसमें काफी भीड़ जुटी थी। बलराज साहनी दो दिन तक बलरामपुर में रुके और कांग्रेस की उम्मीदवार सुभद्रा जोशी का प्रचार करते रहे। परिस्थितियां इस तरह से पलटी कि 1957 में इस सीट से जीतने वाले वाजपेयी 1962 में कांग्रेस की सुभद्रा जोशी से महज 2052 वोट से पराजित हो गए।

सुभद्रा जोशी के नाम जारी हुआ था डाक टिकट

भारतीय डाक विभाग ने सुभद्रा जोशी के राजनीतिक और सामाजिक कद को देखते हुए उनके नाम से डाक टिकट जारी किया था। डाक विभाग ने सन 2011 में पांच सौ रुपये का डाक टिकट जारी किया।


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