बराड़ा में 14 एकड़ जमीन पर गोशाला बनाने का मामला अटका
गांव ठाकुरपुरा की 14 एकड़ पंचायती जमीन पर गोशाला बनाने का मामला अदालती स्टे के कारण लटक गया है। गांव के कुछ लोगों ने इस जमीन को लेकर कोर्ट में केस किया था। इस्कॉन के साथ मिलकर पंचायत यहां गोशाला बनानी चाहती है जिसके लिए प्रस्ताव भी पारित कर दिया गया था।
बलकार सिंह, बराड़ा
गांव ठाकुरपुरा की 14 एकड़ पंचायती जमीन पर गोशाला बनाने का मामला अदालती स्टे के कारण लटक गया है। गांव के कुछ लोगों ने इस जमीन को लेकर कोर्ट में केस किया था। इस्कॉन के साथ मिलकर पंचायत यहां गोशाला बनानी चाहती है जिसके लिए प्रस्ताव भी पारित कर दिया गया था। प्रस्ताव पर सरपंच, पंचों सहित करीब 80 लोगों ने हस्ताक्षर भी किए थे।
दूसरी ओर गोसेवा आयोग के चेयरमैन व महानिदेशक पशुपालन विभाग ने डीसी को पंचायत द्वारा प्रस्ताव में पास की गई जमीन को लेकर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। स्थानीय लोग चाहते हैं कि यह प्रोजेक्ट सिरे चढ़े। पशुपालन विभाग के महानिदेशक ने 25 मार्च 2021 को डीसी अंबाला को पत्र लिख कार्रवाई करने को कहा था।
गांव की पंचायत ने चहुंमुखी विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय कृष्णा भावनामृत संघ (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कांशियसनेस) संस्था को गांव की लगभग 14 एकड़ भूमि को 99 साल के पट्टे पर देने का प्रस्ताव पारित किया था। इसके लिए पंचायत ने 16 अगस्त 2020 को इस्कॉन की प्रार्थना पर सर्व सम्मति से निर्णय लिया था। इसमें गांव की 14 एकड़ की भूमि को पट्टे पर दिए जाने की बात रखी गई। प्रस्ताव पास होने के बाद इसे गोसेवा आयोग के पास भेजा गया। यहां हरियाणा गोसेवा आयोग पंचकूला ने इस मामले में 8 जनवरी 2021 तथा महानिदेशक पशुपालन विभाग ने गत 25 मार्च 2021 को जिला अंबाला डीसी को पत्र लिख कार्रवाई के लिए कहा।
--------------- यह है विवाद
गांव की 14 एकड़ जमीन गोशाला के लिए देने का प्रस्ताव तो पारित कर दिया, जबकि कुछ लोगों ने इस जमीन में अपनी जमीन का भी दावा कर दिया। इनका कहना है कि जमीन चिन्हित की जाए। इसी को लेकर ये लोग कोर्ट में चले गए। इस जमीन में किसकी कितनी जमीन है, जब तक यह स्पष्ट नहीं होता प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं हो सकता।
------------ इस तरह से होता लाभ
ठाकुरपुरा पंचायत ने गोसेवा आयोग पंचकूला को भेजे अपने प्रस्ताव में कहा था कि इस परियोजना से जहां एक ओर गांव के लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे वहीं गांव में विदेशी धन के निवेश के साथ-साथ गायों के गोमूत्र व गोबर से अन्य सामान भी बन सकेगा। इसके अलावा गांव पर्यटन की ²ष्टि से भी विकसित होगा तथा गांव को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी।
------------ भूमि का ऐसे होना था आवंटन
14 एकड़ भूमि में से एक एकड़ भूमि पर पहले से ही गोगा माड़ी और उसका रास्ता, वाल्मीकि धर्मशाला, नलकूप तथा तालाब बना हुआ है। इसी प्रकार से गोशाला शेड, दाना-चोकर, भूसाघर व क्रमिकों के लिए आवास के लिए तीन एकड़ भूमि देनी प्रस्तावित है। दिन के समय गायों के घूमने-फिरने, बैठने, पशुओं के लिए अस्पताल, गोबर डालने के लिए, गोबर व गोमूत्र से दवाई बनाने के लिए दो एकड़ की भूमि चिन्हित की गई है। गायों के चरने के लिए दो एकड़ की भूमि व पशुओं के चारा व अनाज उगाने के लिए छह एकड़ की भूमि दी जानी प्रस्तावित है।
-------------- सर्वसम्मति से 14 एकड़ जमीन गोशाला के लिए दिए जाने का प्रस्ताव पास किया गया था, लेकिन कुछ लोगों द्वारा पहले से ही उक्त जमीन की तकसीम के लिए कोर्ट में केस दायर कर रखा था। इसके चलते कोर्ट ने इस जमीन पर स्टे लगा रखा था।
- गीता रानी वालिया, सरपंच, ठाकुरपुरा
--------------- जमीन पर कोर्ट केस होने की कोई जानकारी नहीं है। हमारे पास पंचायत व इस्कॉन की ओर से जो गोशाला बनाने का प्रस्ताव आया था। हमने उस पर कार्रवाई के लिए अधिकारियों को लिख दिया था। अगर कोर्ट केस है तो उस पर संबंधित विभाग ही निर्णय लेगा।
- श्रवण कुमार गर्ग, चेयरमैन, हरियाणा गोसेवा आयोग, पंचकूला