माल रोड पर सिविलियंस एंट्री बैन का प्रस्ताव खारिज, जीओसी पर टिका अंतिम फैसला
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के मॉल रोड पर सिविलियंस एंट्री बैन का मामला एक बार फिर
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के मॉल रोड पर सिविलियंस एंट्री बैन का मामला एक बार फिर तूल पकड़ गया है। सुरक्षा का हवाला देकर सेना आमजन की एंट्री बंद करना चाहती हैं लेकिन कैंटोनमेंट बोर्ड के पार्षद इस हक में नहीं है।
इसी के चलते सोमवार को कैंटोनमेंट बोर्ड के सदन में स्पेशल बैठक बुलाकर आला अफसरों ने पार्षदों का रुख जाना। वो¨टग में सेना का पक्ष कमजोर रहा। कुल 9 वोट में से छह वोट सिविलियंस के पक्ष में पड़े, जबकि तीन वोट सेना के पक्ष रहे। यानी की सदन की बैठक में सिविलियंस एंट्री बैन का प्रस्ताव खारिज हो गया। भले ही इस बैठक में सेना का पलटा कमजोर रहा लेकिन अभी भी मामले में अंतिम फैसला आफिसर आफ कमां¨डग (जीओसी) को लेना है। अब एंट्री बैन होगी या नहीं, या फिर दूसरा विकल्प निकाला जाएगा, यह आने वाला वक्त ही बताएगा।
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मीडिया के बाहर जाने के बाद सदन में पहुंचे आला अफसर मॉल रोड के इस विवाद को मीडिया को दूर रखे जाने लगा है। इसीलिए बोर्ड अध्यक्ष और सीईओ ने मीडिया की एंट्री पर बैठक में रोक लगा दी। सोमवार को बैठक शुरू होने से पहले ही मीडिया पहुंच गई। मीडिया और पार्षद कांफ्रेस रूम में बैठे थे लेकिन सेना के अफसरों ने आने से मना कर दिया। संदेश भेजा गया मीडिया को बाद में बता दिया जाएगा, बैठक में मीडिया नहीं रहेगी।
जबकि बोर्ड के नियमों में मीडिया की एंट्री पर कोई प्रतिबंध नहीं है। आलम यह रहा कि पार्षद भी अफसरों के सामने झुकने को मजबूर रहे।
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पिछली मी¨टग में लाया गया था प्रस्ताव सेना की ओर से पिछली जनरल मी¨टग में मॉल रोड को फिर से बंद करने का मामला रखा गया था। मी¨टग में प्रस्ताव रखने के साथ ही मॉल रोड को बंद करने का मामला विवाद गहरा गया था। इसको लेकर पहले भी स्पेशल मी¨टग बोर्ड कार्यालय में रखी गई तब भी सीईओ के चेंबर में मी¨टग हुई थी। मीडिया से बचने का पूरी तरह से बचने का प्रयास किया गया है और जब बोर्ड सदस्यों की दाल नहीं गली तो मीडिया के सामने आकर अपना रोष प्रकट किया था।
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कई सुझाव भी रखे गए
बोर्ड मी¨टग में कई सुझाव भी रखे गए। बोर्ड सदस्यों ने कहा कि सुबह साढ़े 9 बजे से दोपहर ढ़ाई बजे तक एंट्री को सेना बंद करना चाहे तो कर सकती है। इस पर उन्हें कोई एतराज नहीं है। शर्त यह है कि इस रोड से स्कूल वाहन, एंबुलेंस को निकलने की अनुमति इस समय के बीच में दी जाएं। बताया जा रहा है कि सेना इस पर राजी हो गई थी लेकिन भाजपा पार्षद चाहते थे उनकी बात को पूरी तरह से मानी जाएं। इसीलिए बाद में प्रस्ताव खारिज हो गया।
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फोटो 46
सिविलियंस की एंट्री बैन नहीं होगी
-सिविलियंस की एंट्री बैन नहीं होगी। हमें आमजन ने चुनकर भेजा है हम एंट्री बैन नहीं होने देंगे।
हम बैठक से मीडिया के चलते बायकाट नहीं कर सकते थे यह हमारी मजबूरी थी। लेकिन मीडिया की एंट्री बैन करना गलत है। मैंने तो दो बार बोर्ड अध्यक्ष के सामने मी¨टग में मीडिया को लेकर बात रखी थी लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
- अजय बवेजा, बोर्ड उपाध्यक्ष, कैंटोनमेंट बोर्ड।
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फोटो 47
बायकाट करना चाहिए था
- मेरे कार्यकाल में कभी मीडिया के साथ ऐसा नहीं हुआ। बोर्ड उपाध्यक्ष बवेजा की बात अध्यक्ष ने नहीं मानी, जिससे उन्हें दी गई तव्वजों का साफ पता चलता है। ऐसी कोई मजबूरी भी नहीं थी मी¨टग का बायकाट नहीं हो सकता था। बोर्ड मी¨टग आपात स्थिति के चलते एक घंटे बाद भी हो सकती थी।
- सुरेंद्र तिवारी, पूर्व उपाध्यक्ष, कैंटोनमेंट बोर्ड।
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फोटो 48
हमने अध्यक्ष को कहा था
- मीडिया की एंट्री बैन होने के बाद बोर्ड उपाध्यक्ष को हमने बोला था लेकिन माल रोड का मामला आम जनता से जुड़ा था। इसीलिए बायकाट भी नहीं हो सकता था सेना एकतरफा प्रस्ताव पास कर देती। प्रावधान के मुताबिक मीडिया को बैन करनी की हम ¨नदा करते हैं।
- आसिमा, सदस्य, कैंटोनमेंट बोर्ड।
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फाइल नंबर दो
सुनील बराड़
समय : 7 : 54